मंत्री पर हुए बम हमले की एनआईए जांच के लिए तैयार नहीं ममता सरकार, नजर रख रही है एजेंसी

पश्चिम बंगाल के श्रम राज्यमंत्री जाकिर हुसैन पर बुधवार रात मुर्शिदाबाद के निमतीता रेलवे स्टेशन पर रिमोट बम से हुए हमले की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) तैयार बैठी है। हालांकि अभी तक राज्य सरकार ने जांच की अनुमति नहीं दी है जिसके कारण एनआईए के अधिकारियों ने आधिकारिक तौर पर जांच शुरू नहीं की है।  एजेंसी के एक सूत्र ने शुक्रवार को  बताया कि जाकिर पर हुए बम से हमले के बाद से एनआईए की टीम ने पूरी परिस्थिति पर नजर रखी है। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और अधिकारियों से कुछ दस्तावेज जरूर लिए गए हैं लेकिन अभी तक आधिकारिक जांच शुरू नहीं हुई है। इसकी वजह यह है कि एनआईए जांच के लिए राज्य गृह विभाग की अनुमति की जरूरत होती है और अभी तक ममता बनर्जी की सरकार ने ना तो जांच की अनुशंसा की है और ना ही अनुमति दी है। इसलिए आधिकारिक तौर पर जांच शुरू कर पाना संभव नहीं हो रहा है। उल्लेखनीय है कि बुधवार रात कोलकाता से वापस लौटते समय मुर्शिदाबाद के निमतीता स्टेशन पर अपने समर्थकों के साथ मौजूद मंत्री जाकिर हुसैन पर रिमोट बम से हमला हुआ था। घटना में मंत्री के साथ साथ 26 लोग घायल हुए हैं। इनमें से कई लोगों के हाथ पैर और शरीर के अन्य अंग उड़ गए हैं। ममता बनर्जी की सरकार ने घटना की जांच के लिए राज्य सीआईडी के एडीजी अनुज शर्मा के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। हालांकि राज्यपाल जगदीप धनखड़ के अलावा विपक्ष के नेताओं ने घटना की एनआईए जांच की मांग की है। वारदात पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ममता बनर्जी ने रेलवे की लापरवाही को जिम्मेवार ठहराया था और कहा था कि घटना के समय स्टेशन पर अंधेरा था और कोई सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं था। हालांकि रेलवे ने इस बात के संकेत दिए हैं कि मंत्री पर हमले तृणमूल कांग्रेस की आपसी गुटबाजी की वजह से हुई है। इस बीच एनआईए जांच की सुगबुगाहट तेज हो गई थी। चुकी बम ब्लास्ट हुआ है और रेलवे परिसर के अंदर हुआ है इसलिए एनआईए ने पूरी परिस्थिति पर नजर जरूर रखी है लेकिन साजिशों पर से पर्दा हटाने और पूछताछ के लिए अभी तक राज्य सरकार की अनुमति नहीं मिली है।     

By Editor

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