चुनाव से गुजर रहे पश्चिम बंगाल में कोविड-19 महामारी की रफ्तार डराने लगी है। पिछले 24 घंटे के दौरान करीब ढाई हजार लोग इस महामारी की चपेट में आए हैं जो चिंताजनक है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने गुरुवार कोबताया कि कोविड-19 महामारी की जब शुरुआत हुई थी तब भी इसकी रफ्तार इतनी तेज नहीं थी। यानी पूरे देश के साथ पश्चिम बंगाल में भी कोविड-19 की जो दूसरी लहर चली है वह अधिक खतरनाक है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 24 घंटे के दौरान 29394 लोगों के सैंपल जांचे गए हैं जिनमें से 2390 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। दिसंबर से लेकर फरवरी महीने तक जहां हर रोज 20 से 30 हजार लोगों के सैंपल जांच में महज 100- 200 लोग कोविड-19 पॉजिटिव होते थे। राज्य भर में इस महामारी की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या बढ़कर छह लाख 24 हो गई है। चिंता वाली बात यह है कि पिछले 24 घंटे में महज 867 लोग ही स्वस्थ हुए हैं जिसकी वजह से स्वस्थ होकर घर लौटने वालों की कुल संख्या बढ़कर पांच लाख 75 हजार 371 हुई है। एक दिन में 08 लोगों की मौत हुई है जिसके कारण मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 10363 पर जा पहुंची है। स्वस्थ हो चुके और मरने वाले लोगों की संख्या को निकालकर राज्य में पिछले 24 घंटे में एक्टिव मरीजों की संख्या में 1515 की बढ़ोतरी हुई है और कुल 14290 लोग विभिन्न अस्पतालों में इलाजरत हैं। शनिवार तक यह आंकड़ा महज 8000 था। यानी 3 दिनों में छे हजार के करीब मरीज सामने आए हैं जो चिंता का कारण है।
खास बात यह है कि फरवरी महीने के अंत तक एक्टिव मरीजों की संख्या महज 3000 रह गई थी जो एक बार फिर तेज रफ्तार से बढ़ने लगी है। इससे स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ गई हैं। चिंता वाली बात यह भी है कि बंगाल में चुनाव चल रहा है और बड़ी संख्या में लोग जनसभाओं में शामिल हो रहे हैं जिसकी वजह से कोरोना विस्फोट की चिंता विशेषज्ञों को सता रही है। जनवरी-फरवरी में जहां रिकवरी रेट बढ़ कर 98 फ़ीसदी के करीब पहुंच गई थी वह गिरकर 95 पर पहुंची है जो लगातार कम ही हो रही है। अब तक कुल 93 लाख 63 हजार 195 लोगों के सैंपल जांच हो जा चुके हैं। वर्तमान ट्रेंड के मुताबिक हर 100 लोगों में से 8-10 लोग पॉजिटिव हो रहे हैं और इस आंकड़े में लगातार बढ़ोतरी ही हो रही है जिसकी वजह से एक बार फिर बंगाल में इस महामारी के कहर बरपाने की आशंका प्रबल हो गई है।