बंगाल में चुनावी हिंसा जारी, मुर्शिदाबाद में तृणमूल कार्यकर्ता की बम मारकर हत्या

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पश्चिम बंगाल में शांतिपूर्वक चुनाव संपन्न कराने के आयोग के सारे दावे निरर्थक साबित हुए हैं। 27 मार्च को मतदान की शुरुआत से पहले से ही यहां रक्तरंजित माहौल बने हुए हैं। गुरुवार को छठे चरण के मतदान से पहले राजधानी कोलकाता से सटा उत्तर 24 परगना जिला पूरी तरह से हिंसा की चपेट में है। इसके अलावा भारत की सबसे अधिक अल्पसंख्यक बहुल आबादी वाला जिला मुर्शिदाबाद भी अछूता नहीं है। यहां  मंगलवार रात बम मारकर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता को मौत के घाट उतार दिया गया है। घटना उसी हरिहरपाड़ा की है जहां एक दिन पहले कांग्रेस कार्यकर्ता को मौत के घाट उतारा गया था। मृतक तृणमूल कार्यकर्ता की पहचान बादल घोष के तौर पर हुई है। जिला प्रशासन के मुताबिक यहां हिंसा की शुरुआत सोमवार आधी रात से ही हो गई थी। मंगलवार दिन भर रह-रहकर टकराव हुआ और देर रात को हरिहरपाड़ा इलाके में भारी तनाव के बीच रात 10:30 बजे दोबारा बमबारी शुरू हुई। डर के मारे लोग अपने अपने घरों की खिड़कियां दरवाजे बंद कर दुबक गए थे। कुछ देर बाद एक व्यक्ति के चीखने चिल्लाने की आवाज सुनकर जब लोग बाहर निकले तो देखा कि एक युवक सड़क पर रक्तरंजित हालत में पड़ा हुआ है। वह तृणमूल कार्यकर्ता था। इसलिए तुरंत अन्य कार्यकर्ता भी एकत्रित हो गए। उसकी गर्दन पर गहरे घाव के निशान थे और लगातार खून बह रहा था जिसके बाद उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। उसके शरीर के कई हिस्से बम की चपेट में आने की वजह से जल गए थे। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

 जिला तृणमूल नेता अशोक दास ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस और भाजपा ने इलाके में वर्चस्व के लिए हिंसा की है। उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही इसी हरिहरपाड़ा इलाके में कासिम अली (52 साल) नाम के एक कांग्रेस कार्यकर्ता की हत्या की गई थी। रायपुर से चुनावी सभा से लौट रहे थे उसी समय कुछ लोगों ने उसपर लाठी, लोहे की रॉड और धारदार हथियार से हमला कर दिया था। इसका आरोप सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस पर लगा था जिसके बाद तनाव पसर गया था और टकराव की शुरुआत हुई थी।