इस साल कोरोना महामारी की वजह से पश्चिम बंगाल में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक की परीक्षाएं आयोजित नहीं होंगी। छात्र छात्राओं को मूल्यांकन कर अगली श्रेणी में प्रमोट कर दिया जाएगा। हालांकि विद्यार्थियों का मूल्यांकन कैसे होगा इसका निर्णय विशेषज्ञ कमेटी आगामी एक सप्ताह में करेगी। यह जानकारी खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को दी है। राज्य सचिवालय नवान्न के प्रेक्षागृह में मीडिया से मुखातिब सीएम ने कहा कि बीमारी के संक्रमण को देखते हुए छात्र छात्राओं को सुरक्षित रखने के लिए राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है। सीएम ने बताया कि कोरोना संकट के बीच परीक्षाएं आयोजित करने को लेकर एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था जिन्होंने माध्यमिक और उच्च माध्यमिक परीक्षाएं नहीं लेने का सुझाव दिया है। इसके अलावा राज्य सरकार ने आम लोगों, विद्यार्थियों और अभिभावकों से परीक्षाएं लेने अथवा नहीं लेने के संबंध में ईमेल के जरिए राय मांगी थी। 79 फ़ीसदी लोगों ने माध्यमिक की परीक्षाएं नहीं लेने का सुझाव दिया है। इसके साथ ही 83 फ़ीसदी लोगों ने उच्च माध्यमिक की परीक्षाएं नहीं लेने का सुझाव दिया है। सीएम ने बताया कि कुल 34 हजार लोगों ने ईमेल के जरिए आज दोपहर 2:00 बजे के पहले तक अपनी राय दी थी जिसे सरकार ने अहमियत दी है। उन्होंने कहा कि माध्यमिक उच्च माध्यमिक और सीबीएसई के छात्रों का मूल्यांकन एक साथ हो, यह सुनिश्चित किया जाएगा। सीएम ने यह भी बताया कि जनमत को महत्व देते हुए परीक्षाएं रद्द करने का निर्णय लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि गत 29 मई को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि जुलाई महीने के अंत तक उच्च माध्यमिक और अगस्त महीने के मध्य तक माध्यमिक की परीक्षाएं आयोजित की जा सकती हैं। इसके बाद रविवार को शिक्षा विभाग का ईमेल जारी करते हुए लोगों से परीक्षाएं आयोजित करने को लेकर राय मांगी गई थी।