फ्रांस के राष्ट्रपति के बयान पर फूटा बांग्लादेश में गुस्सा, अल्पसंख्यक हिंदू भी निशाने पर

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ बांग्लादेश में भड़के गुस्से का निशाना अल्पसंख्यक हिंदुओं को भी बनाया गया है। पैगंबर मोहम्मद के कार्टून बनाए जाने से खड़े हुए विवाद को लेकर बांग्लादेश के कट्टरपंथी इस्लामी संगठन आंदोलन पर उतरे हुए हैं। सोमवार को राजधानी ढाका में हिफाजत-ए-इस्लाम बांग्लादेश संगठन की अपील पर हजारों की भीड़ सड़कों पर उतरी। इस संगठन के नेताओं ने बांग्लादेश सरकार से मांग की कि वह फ्रांस में बनी चीजों का बायकॉट करने का एलान करे।

फ्रांस में रहने वाले एक बांग्लादेशी शख्स ने कथित तौर पर वहां के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के “अमानवीय विचारधारा” के खिलाफ कदम उठाने को लेकर तारीफ की थी. bdnews24.com की रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेशी शख्स ने फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून दिखाने वाले टीचर की हत्या के बाद कट्टरपंथी इस्लाम को लेकर मैक्रों के रुख का समर्थन किया था और उसी के बाद कई हिंदुओं के घरों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुईं.

रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्बो धौर के किंडरगार्टन स्कूल के हेडमास्टर ने फेसबुक पर एक पोस्ट पर कॉमेंट में मैक्रों की कार्रवाई का स्वागत किया था. फेसबुक पोस्ट को लेकर जैसे ही अफवाह फैली, शनिवार को उस इलाके में तनाव चरम पर पहुंच गया.

बांगरा बाजार पुलिस स्टेशन के ऑफिसर-इन-चार्ज कमरूज अमान तालुकदार के हवाले से रिपोर्ट में लिखा गया है कि रविवार को धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें से एक किंडरगार्टन के हेडमास्टर हैं और दूसरा शख्स अंडीकोट गांव का रहने वाला है.

कोमिला जिले के डेप्युटी कमिश्नर मोहम्मद फजल मीर ने इलाके का दौरा करने के बाद bdnews24.com से बताया कि हालात फिलहाल नियंत्रण में हैं. डेप्युटी कमिश्नर ने बताया कि अल्पसंख्यकों के घरों पर हुए हमले को लेकर मामला दर्ज किए जाने की प्रक्रिया जारी है.

By Editor

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