तेजस्वी यादव के नीतीश के खिलाफ बिगड़े बोल पर अब उपेंद्र कुशवाहा हुए आक्रामक

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17वीं बिहार विधानसभा (Bihar Legislative Assembly) में पहले सत्र के अंतिम दिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) व एनडीए के विधायकों पर की गई अमर्यादित टिप्पणियों के बाद से ही बिहार का राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है. तेजस्वी यादव ने कहा था कि 1991 में सीएम नीतीश पर हत्या का मुकदमा चला जिसे बिना किसी पूछताछ के रफा-दफा कर दिया गया. कंटेंट चोरी के मामले में मुख्यमंत्री रहते 25000 का जुर्माना भरना पड़ा. तेजस्वी ने सृजन घोटाले की भी चर्चा की और एनडीए के विधायकों की ओर इशारा करते हुए कहा था कि यह डरे हुए चोर और बेईमान लोग हैं. उस समय सदन में सीएम नीतीश कुमार भी मौजूद थे. तेजस्वी ने सीएम नीतीश की संतान को लेकर भी टिप्पणी की और कहा कि उन्होंने दूसरा बच्चा इसलिए पैदा नहीं किया क्योंकि उन्हें बेटी होने का डर था.
तेजस्वी की एक के बाद एक निजी टिप्पणियों से आहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी आक्रोशित हो उठे और पहली बार सदन में उन्हें काफी तल्ख अंदाज में देखा गया. सीएम नीतीश ने अपने ऊपर की गई टिप्पणी पर ऐतराज भी जताते हुए कहा आप सभी मुझे इतना दिनों से जानते हैं. किसी के बारे में इस तरह असत्य बात कही जाए यह अशोभनीय है. सदन की एक मर्यादा है. अब इस मामले में सीएम नीतीश को पूर्व केंद्रीय मंत्री व राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का भी साथ मिला है. कुशवाहा ने इसके लिए ट्वीट किया और तेजस्वी यादव के आचरण को अमर्यादित करार दिया.

उपेंद्र कुशवाहा तेजस्‍वी के खिलाफ भाषा के प्रयोग पर आक्रामक हो गए हैं।ट्वीट में लिखा, माननीय तेजस्वी यादव ने आज सदन में माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के प्रति जिस तरह की अभद्र भाषा का प्रयोग किया, वह घोर निंदनीय है. छि: छि: ! क्या इसी राड़ी-बेटखउकी के लिए सदन है?

इसी मसले पर जदयू के एमएलसी नीरज कुमार ने भी तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, भाषाई विकृति राजनीति के संक्रमण काल में एक बड़ी चुनौती है। भाषाई रूप में हर राजनीतिज्ञ को समृद्ध होना चाहिए। ऐसे लोग ईष्‍या और विद्वेष की बुनियाद पद राजनीतिक एजेंडा तैयार करते हैं। ऐसी टिप्‍पणी से राजनीति‍क जीवनक की शुचिता प्रभावित होती है।