जो बाइडन के लिए हसन रूहानी का संदेश, आप अपना कमिटमेंट पूरे करिए, हम भी करेंगे

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नए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के शपथग्रहण समारोह से कुछ घंटे पहले ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी से उनसे 2015 के ईरान परमाणु समझौते पर लौटने की अपील की है और कहा है कि वो ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध हटाएं.

कैबिनेट की एक अहम बैठक में राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि नए अमेरिकी राष्ट्रपति को अंतरराष्ट्रीय समझौतों का सम्मान करना होगा.

उन्होंने कहा कि “अगर अमेरिका ऐसा करता है तो ईरान भी सकारात्मक प्रतिक्रिया देगा. अगर वो इसके लिए कोशिश करते हैं और अंतरष्ट्रीय समझौतों का सम्मान करते हैं तो हम भी ईमानदारी से अपनी ज़िम्मेदारी निभाएंगे.“

उन्होंने कहा कि अगले चार सालों में नए राष्ट्रपति को मेहनत करनी होगी ताकि दोनों देशों के बीच रिश्तों को सुधारा जा सके.

ईरान पर प्रतिबंध लगाने की अमेरिकी नीतियों को उन्होंने आर्थिक आतंकवाद कहा और कहा कि ईरान को बर्बाद करने की ट्रंप की कोशिशें बेकार साबित हुई हैं.

उन्होंने कहा, “बीते तीन साल से हमारे लोगों को मुश्किलें ज़रूर हुई हैं लेकिन उनकी नीतियां नामाक नहीं हैं और हमारे लोगों ने इसका विरोध किया है और इसका डटकर मुक़ाबला किया है.“

हसन रूहानी ने कहा कोरोना वैक्सीन खरीदने की ईरान की कोशिशों में अमेरिका ने रुकावटें पैदा कीं और ऐसा करने से उन्हें रोका.

उन्होंने कहा, “प्रतिबंधों के बावजूद तेल के अलावा दूसरे वस्तुओं के निर्यात में हमारे स्थिति अब सुधर रही है और इसका मतलब ये है कि हम पर दवाब बनाने की अमेरिका की नीति नाकाम हो गई है.“

बाइडन के लिए उन्होंने कहा कि “उन्हें बीते वक्ते में हुई घटनाओं से सीख लेनी चाहिए. ट्रंप का कार्यकाल ख़त्म हो चुका है लेकिन परमाणु समझौता अब भी जीवित है और ये समझौते में शामिल देशों पर निर्भर करता है कि वो इसे कैसे आगे बढ़ाएंगे.“

उन्होंने कहा कि अगर ट्रंप ने ईरान के ख़िलाफ़ षड्यंत्र नहीं किया होता तो वो सामान्य रूप से अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में तेल निर्यात कर पाता और ईरान की स्थिति आज अलग होती.

उन्होंने कहा, “वो हमारे यहां पर दंगे करवाना चाहते थे और हमें पूरी तरह बर्बाद करना चाहते थे. अगर वो ईमानदारी के साथ काम करते हैं तो सभी मुद्दे सुलझाए जा सकते हैं. वो अपनी कमिटमेंट पूरी करेंगे तो अगले ही घंटे हम भी अपने कमिटमेंट पूरे करेंगे.“

हालांकि उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि ईरान की शर्तें वही नहीं होंगी जो तीन साल पहले थीं.

इससे पहले बाइडन प्रशासन में रक्षा मंत्री का पद संभालने जा रहे एंटोनी ब्लिंकेन ने कहा था कि ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते में अमेरिका शामिल होगा या नहीं इस पर अमेरिका जल्दी में कोई फ़ैसला नहीं लेगा