चीन की चुनौती से निपटने की तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 3 अक्तूबर को यानी आज अटल टनल रोहतांग का उद्घाटन करने वाले हैं. सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस टनल के उद्घाटन के बाद देश की सीमाओं पर पहरा दे रहे जवानों तक गोला बारूद पहुंचाना आसान हो जाएगा. छह महीने तक बर्फ की कैद में रहने वाले लाहौल के लोगों को भी बड़ी राहत मिलेगी.
चीन के साथ टकराव के बीच ही जुलाई में भारत और अमेरिका की नौसेना ने अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के तट पर युद्धाभ्यास किया था. वहीं हिंद महासागर में भी दोनों देशों की सेनाओं ने युद्धाभ्यास किया था और भारत की आईएनएस तलवार ने उस समय अमेरिकी टैंकर से फ्यूल भी लिया था.
यह वही विमान है जो अमेरिका भारत को सौंपने वाला है. भारतीय नौसेना के बेड़े में पहले से आठ पी-8 विमान शामिल हैं. लेकिन अमेरिका से मिलने वाले नये विमान में कई सुधार किये गये हैं. अमेरिकी गश्ती विमान का अंडमान और निकोबार में उतरना चीन को खटक सकता है. पोर्ट ब्लेयर भारत के लिए सामरिक महत्व भी रखता है. चीन के साथ टकराव की स्थिति में पोर्ट ब्लेयर एयरपोर्ट फाइटर जेट के उड़ान भरने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है.