कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन: आंदोलन पर केंद्रीय मंत्री वीके सिंह बोले- तस्वीरों में कई लोग किसान नहीं लग रहे

एक तरफ़ जहाँ सरकार वरिष्ठ मंत्री किसान आंदोलन को ख़त्म करने के लिए किसान नेताओं से बैठक कर समिति बनाने की सिफ़ारिश कर रहे हैं तो वहीं मोदी सरकार के ही एक मंत्री ने ऐसा बयान दिया है जिससे बात सुलझने की जगह और बिगड़ सकती है. मंत्री जी को किसान आंदोलन की तस्वीरों से अंदाज़ा हो रहा है कि ये लोग कोई और हैं.

केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने किसान आंदोलन पर कहा, ”तस्वीरों में कई लोग किसान नहीं दिखते हैं। जो भी किसानों के हित में है, वह उनके लिए किया गया है। वे किसान नहीं हैं, जिन्हें कृषि कानूनों से समस्या है। वे अन्य लोग हैं। इसमें विपक्ष के साथ-साथ उन लोगों का हाथ है, जिन्हें कमीशन मिलता है।”

वीके सिंह के बयान के बाद आम आदमी पार्टी ने उन पर हमला बोला है। वीके सिंह के कॉमेंट वाले ट्वीट का जवाब देते हुए आम आदमी पार्टी ने लिखा है कि क्या उन्हें बैलों के साथ आना चाहिए। ‘आप’ ने ट्वीट किया, ”क्या उन्हें किसानों की तरह दिखने के लिए हल और बैलों के साथ आना चाहिए?” मालूम हो कि आम आदमी पार्टी किसानों के आंदोलन के समय उनके साथ खड़ी रही है। वह भी केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ बोलती रही है। हाल ही में दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने दिल्ली पुलिस की कुछ मैदानों को अस्थायी जेल में बदलने की मांग को भी खारिज कर दिया था।

केंद्र सरकार के तीन मंत्रियों ने किसान संगठन के 35 नेताओं के साथ मंगलवार को बातचीत की। इस बैठक में कोई भी हल नहीं निकल सका है। इन मसलों पर तीन दिसंबर को होने वाली अगले दौर की बातचीत में विचार किया जाएगा। विज्ञान भवन में हुई बैठक में मंत्रियों ने किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को कृषि सुधार कानूनों के लाभ के बारे में जानकारी दी। इन कानूनों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर सौहार्दपूर्ण माहौल में विस्तार से चर्चा की गई। बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और कृषि विकास हमेशा से शीर्ष प्राथमिकता रही है। उन्होंने कहा, ”बैठक अच्छी रही है और हमने फिर से 3 दिसंबर को बातचीत करने का फैसला लिया है।”

By Editor

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