पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में आर्थिक तंगी व गंभीर बीमारी से जूझ रहा एक परिवार चिकित्सा के अभाव में जहर खाकर आत्महत्या करने की इच्छा जतायी है। परिवार के सदस्यों ने बताया कि स्वास्थ्य साथी कार्ड होने के बावजूद उन्हें चिकित्सा नहीं मिल रही है। मालदा के हरिशचंद्रपुर गांगर गांव निवासी सायेद अली एक आँख से दृष्टिहीन है जबकि उसकी पत्नी आफरोजा बीवी गंभीर बिमारी से जूझ रही है। परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य साथी कार्ड होने के बावजूद उन्हें चिकित्सा नहीं मिल रही है. दूसरी ओर इसे लेकर राजनीति गरमा गई है। भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। मालदा जिले के एक नंबर ब्लॉक के हरिशचंद्रपुर ग्राम पंचायत के गांगर गांव में एक परिवार ऐसा है जहां परिवार का मुखिया एक आंख से दृष्टिहीन है। अब तक उसे विकलांगता प्रमाण पत्र नहीं मिला है। दूसरी ओर जटिल रोग से जूझ रही उसकी पत्नी बिस्तर पर पड़ी रहती है. आर्थिक तंगी और बीमारी से तंग आकर इस परिवार ने खुदकुशी करने का मन बना लिया है। हरिश्चंद्रपुर के गांगर गांव निवासी सायेद अली की पत्नी अफरोजा बीवी (30 ) लंबे समय से जटिल बीमारी से पीड़ित है। महाजन से कर्ज लेकर इलाज कराने के बावजूद वह अब तक ठीक नहीं हो पाई है। चिकित्सकों ने बताया कि उसका ऑपरेशन करना होगा जिसमे करीब तीन खर्च आएंगे। कहां से इतने सारे पैसे आएंगे। यह सोचकर वे लोग परेशान हैं। रिश्तेदार व सगे संबंधियों से भी इतनी बड़ी रकम पाने की उम्मीद नहीं है। सायेद अली पेशे से श्रमिक है. एक आंख से दृष्टिहीन होने के कारण उन्हें नियमित रूप से काम भी नहीं मिलता। राशन से मिलने वाले अनाज से घर चलता है। उसके परिवार में पत्नी व दो नाबालिक बच्चे हैं। सभी आर्थिक बदहाली में दिन बिता रहे हैं। सायेद अली ने बताया कि उसकी पत्नी अस्वस्थ है। पिछले 1 साल से वे उसका इलाज करा रहे हैं लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। उनकी एक आंख खराब है। उनके लिए परिवार चलाना कठिन है। स्वास्थ्य साथी कार्ड होने केबावजूद उन्हें इलाज नसीब नहीं हो रहा है. आर्थिक तंगी और बीमारी से वे तंग आ चुके हैं। उन्हें किसी तरह की मदद नहीं मिली तो वे जहर खाकर आत्महत्या कर लेंगे। स्थानीय पंचायत सदस्य अंगद मित्र ने बताया कि इस परिवार को स्वास्थ्य साथी कार्ड उपलब्ध करा दिया गया है। वे लोग चिकित्सा के लिए अस्पताल गए थे गए लेकिन उन्हें वहां से लौटा दिया गया। उन्होंने कहा कि उनके लिए जो संभव था उन्होंने सहायता की। मालदा जिला तृणमूल महासचिव बुलबुल खान ने बताया कि मीडिया के जरिए उन्हें इसकी जानकारी मिली। उन्होंने इस परिवार की हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य साथी कार्ड से कई लोगों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई है लेकिन नर्सिंग होम इसे लेकर परेशानी खड़ा कर रहे हैं। भाजपा मंडल अध्यक्ष रूपेश अग्रवाल ने बताया कि तृणमूल सरकार की हर योजना फेल हो रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस ने स्वास्थ्य साथी परियोजना शुरू की। 2 महीने बाद यह बंद हो जाएगा। यह केवल चुनावी फंडा है। इसके बाद पूरे बंगाल में आयुष्मान भारत योजना चालू की जाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित आयुष्मान भारत पूरे देश में लागू है केवल पश्चिम बंगाल में ही इसे बंद कर दिया गया है.