चक्रवात ‘मन्था’की आशंका से धान किसानों में चिंता की लकीरें – झाड़ग्राम में फसल को भारी नुकसान का डर

मौसम विभाग द्वारा चक्रवात ‘मन्था’ की चेतावनी जारी होने के बाद झाड़ग्राम जिले के ग्रामीण इलाकों में नए सिरे से दहशत फैल गई है। अक्टूबर के अंत तक खेतों में सुनहरी बालियों से लहलहा रही धान की फसल अब पकने के कगार पर है। ऐसे में चक्रवात की संभावना ने किसानों की नींद उड़ा दी है। झाड़ग्राम जिले के सांकराइल, नायाग्राम और गोपीबल्लभपुर ब्लॉक के किसान बीघों-बीघों जमीन पर धान की खेती कर रहे हैं। महीनों की मेहनत, खाद, सिंचाई और कीट नियंत्रण के बाद जब फसल तैयार होने जा रही है, तभी इस संभावित चक्रवात ने सब कुछ पर पानी फेरने की आशंका पैदा कर दी है।

जिला कृषि विभाग की ओर से किसानों को पहले ही सतर्क कर दिया गया है। पके हुए धान को जितनी जल्दी हो सके काट लेने और निचले इलाकों से पानी निकासी की व्यवस्था करने की सलाह दी गई है। प्रशासन की ओर से भी हालात पर कड़ी नजर रखी जा रही है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले कुछ दिनों में ‘मन्था’ के प्रभाव से दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में हवा की गति बढ़ सकती है, जिससे दक्षिण बंगाल के कई जिलों में मध्यम से भारी वर्षा की संभावना जताई जा रही है।

किसानों की प्रतिक्रिया:

शिशिर दास (सेंडो गंजी पहने किसान): “फसल अब पकने के कगार पर है। अगर तेज हवा या बारिश होती है तो पूरा परिश्रम व्यर्थ हो जाएगा।”राधागोविंद शीट (काले गंजी पहने किसान): “हमने जो कुछ लगाया है, सब कुछ इस फसल पर टिका है। अब बस ऊपरवाले की दया चाहिए कि तूफान न आए।”

By Sonakshi Sarkar