रॉयल चैलेंज पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर ने अपने नये बोल्ड कैंपेन ‘मैं नहीं तो कौन बे’ को लॉन्च किया है, जो सेल्फ-बिलीफ़ और ऑथेन्टिसिटी का दमदार सेलिब्रेशन है। यह कैंपेन बोल्ड होने के मायने को बदलने वाली इस नई जनरेशन का समर्थन करता है जो अपने आप में रॉ, सेल्फ-मेड और अनअपोलोजेटिकली रियल है। यह पुराने नियम-कायदों पर चलने के बजाय अपनी शर्तों पर सफलता को परिभाषित करने के बदलाव को दर्शाता है वह भी “लोग क्या सोचेंगे” से लेकर “मैं क्या सोचता हूँ” तक। सृष्टि तावड़े के इसी नाम के जोशीले एंथम के ज़रिए पेश किया गया यह कैंपेन, जिसमें क्रिकेट स्टार स्मृति मंधाना, यूथ आइकॉन रणविजय सिंघा, गेमिंग चैंपियन नमन “मोर्टल” माथुर के साथ साथ खुद सृष्टि भी शामिल हैं, यह कैंपेन उन लोगों को एक ट्रिब्यूट है जिन्होंने हर मोड़ पर बोल्ड रहना चुना और यह कहने का अधिकार पाया कि, मैं नहीं तो कौन बे। स्पोर्ट्स, एंटरटेनमेंट, म्यूज़िक और गेमिंग जैसी विविध पैशन्स का प्रतिनिधित्व करते हुए यह कैंपेन उन युवाओं से रुबरु होता है जो बड़े सपने देखने और अपना रास्ता खुद बनाने से नहीं डरते हैं।
फिल्म की शुरुआत एक एनर्जेटिक मोंटाज से होती है—पिच पर स्मृति हर शॉट पर कमांड रखती हुई; रणविजय अपने कॉन्फिडेन्स और एटीट्यूड के साथ अपनी सीमाओं को आगे बढ़ाते हुए; अपनी गेमप्ले स्ट्रैटेजी में डूबे हुए मॉर्टल; और अपनी पहचान को ज़ाहिर करती हुई दमदार वर्सेज़ गाती हुई सृष्टि । इनका कारवां संघर्ष, जुनून और जीत के लम्हों से होकर गुज़रता है, जो सब एक शानदार आइडिया से जुड़े हैं और वह है खुद पर भरोसा। ‘मैं नहीं तो कौन बे’ महज़ एक कैंपेन नहीं बल्कि उससे कहीं बढ़कर है। यह एक ऐसा मूवमेंट है जो हर किसी को बोल्डनेस को अपनी पहचान बनाने के लिए प्रेरित करता है। इस कैंपेन के बारे में बताते हुए स्मृति मंधाना ने कहा, “मेरे लिए बोल्ड होने का मतलब हमेशा सही समय पर आगे बढ़ने से रहा है फिर चाहे वह मैदान में हो या उससे बाहर। क्रिकेट ने मुझे यह सिखाया है कि शुरुआत खुद पर विश्वास करने से ही होती है। ‘मैं नहीं तो कौन बे’ चुनौतियों का सामना करने, अपनी इंस्टिंक्ट्स पर भरोसा रखने, अपना बेहतरीन देने और पूरे कन्विक्शन के साथ अपने लम्हों को अपना बनाने की याद दिलाता है।”
इस कैंपेन पर बात करते हुए रणविजय सिंघा ने कहा, “बोल्डनेस का मतलब तेज़ आवाज़ में बोलने से नहीं बल्कि अपनी जगह पर डटे रहने और जो सही लगे वही करने से आता है। फिर चाहे वह स्टेज हो, कैमरा हो या ज़िंदगी, मैं हमेशा उदाहरण बनकर आगे बढ़ने में विश्वास रखता हूं। यह कैंपेन ज़िम्मेदारी लेने और बढ़कर पूरे आत्मविश्वास के साथ मैं नहीं तो कौन बे। कहने के जूनून को दर्शाता है।”
