WhatsApp हुआ अपडेट: आ गई नई पॉलिसी, ऐक्सेप्ट करें या डिलीट कर लें अकाउंट

92

WhatsApp अगले साल की शुरुआत के साथ अपनी टर्म्स ऑफ सर्विस अपडेट करने वाली है. अगर आप इसे ऐक्सेप्ट नहीं करेंगे तो आपको अपना अकाउंट डिलीट करना होगा. एक बार पहले भी कंपनी फ़ेसबुक के साथ WhatsApp यूज़र्स का डेटा शेयर करने को लेकर विवादों में रही है.

WhatsApp के नए वर्जन का अपडेट आया है. दरअसल इस अपडेट में नए टर्म्स ऑफ सर्विस दिया गया है जो 8 फ़रवरी 2021 से लागू होगा. WhatsApp के दुनिया भर में 1.5 अरब से ज़्यादा यूज़र्स हैं और सभी को, अगर WhatsApp यूज करना जारी रखना है तो कंपनी की नई टर्म्स ऑफ सर्विस को ऐक्सेप्ट करना होगा.

WhatsApp के टर्म्स ऑफ सर्विस में लिखा है कि ये पॉलिसी 8 जनवरी 2021 से लागू होगी. इस डेट के बाद यूज़र्स को नए टर्म्स को ऐक्सेप्ट करना होगा अगर ऐक्सेप्ट नहीं करते तो ऐसी स्थिति में आप WhatsApp अकाउंट डिलीट कर सकते हैं.

WABetainfo की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ नए अपडेट के साथ ही WhatsApp में इन ऐप अनाउंसमेंट भेजने का भी फीचर ऐड किया गया है. यानी WhatsApp को अगर किसी चीज के बारे में यूजर्स के लिए अनाउंसमेंट करना है तो ऐप में ही ये बातें बता दी जाएंगी.

उदाहरण के तौर पर इस इन ऐप अनाउंसमेंट फ़ीचर के तहत कंपनी नए फ़ीचर्स, पॉलिसी में बदलाव, बग्स और दूसरी जानकारियाँ दे सकती है. WABetainfo की रिपोर्ट के मुताबिक़ इस तरह के इन्फ़ॉर्मेशन यूज़र्स को चैट में नहीं, बल्कि एक बैनर के तौर पर दिए जा सकते हैं. यहाँ टैप करके यूज़र्स को एक्स्टर्नल वेबसाइट पर ले जाया जाएगा जहां पूरी जानकारी दर्ज होगी.

रिपोर्ट के मुताबिक़ इन ऐप अनाउन्समेंट का यूज कंपनी यूज़र्स को नए टर्म्स ऑफ सर्विस भेज कर करेगी जिसे सभी को ऐक्सेप्ट करना होगा. WABetaifo ने एक स्क्रीशॉट भी शेयर किया है जहां ये देखा जा सकता है. फ़िलहाल कंपनी ने अपनी नई टर्म्स ऑफ सर्विस को पब्लिक के लिए जारी नहीं किया है, इसलिए यहाँ कुछ नहीं है, लेकिन आने वाले समय में ये यूज़र्स को मिल सकता है.

ग़ौरतलब है कि WhatsApp अपनी पॉलिसी में बदलाव को लेकर एक बार पहले काफ़ी चर्चा में रहे है. उस वक़्त कंपनी WhatsApp यूजर्स का डेटा फेसबुक के साथ शेयर करने की पॉलिसी लेकर आई थी और इस पर विवाद हुआ था. इन्हीं सब वजहों से 2018 में WhatsApp फाउंडर Jane Koum ने अपना सीईओ का पद भी छोड़ दिया था. चूंकि WhatsApp के दोनों फाउंडर चाहते थे कि WhatsApp को फेसबुक पूरी तरह से अलग रखे और पैसे कमाने के लिए यूजर्स का डेटा न बेचा जाए और न ही फेसबुक के साथ शेयर किया जाए. लेकिन ऐसा नहीं हुआ और फेसबुक ने इसे अपने साथ पूरी तरह से मिल लिया और डेटा शेयरिंग पॉलिसी भी लेकर आ गई. चूंकि अब दोनों फाउंडर कंपनी छोड़ चुके हैं, इसलिए अब प्राइवेसी को लेकर उतनी बहस नहीं होती है और आने वाले समय में कंपनी WhatsApp में भी क्रॉस प्लैटफॉर्म का फीचर ला सकती है.