कोलकाता में आंदोलनकारी आशा कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी और पुलिस दवारा किये गए हमले के विरोध में आज आशा कार्यकर्ताओं ने सिलीगुड़ी के हासमीचौक में सड़क अवरोध कर विरोध प्रदर्शन किया।हासमीचौक में सड़क अवरोध पश्चिम बंगाल आशा वर्कर्स यूनियन की दार्जिलिंग जिला समिति और सिलीगुड़ी नगर निगम स्वास्थ्य कर्मचारी यूनियन के नेतृत्व में किया गया था। आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार के बजट में आशा कार्यकर्ताओं के लिए कोई भी घोषणा नहीं की गई है।
इसके विरोध में जब धर्मतल्ला में आशा कर्मियों के द्वारा आंदोलन किया जा रहा था, उस समय पुलिस ने 30 आशा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है। उनको निशर्त रिहाई की मांग में पूरे राज्य में आंदोलन किया जा रहा है। आशा कार्यकर्ता ने बताया कि 2024 के बजट में केंद्र या राज्य किसी के द्वारा आशा कार्यकर्ताओं पर विचार नहीं किया गया है। 24 घंटे काम करने के बाद भी हमलोगों को कम पैसे कम मिलते हैं, हमारे ऊपर परिवार चलाने की जिम्मेदारी है। हमारे बारे में क्यों नहीं सोचा जा रहा ?
इस मामले में जब आशा कर्मी मुख्यमंत्री ने से जानना चाहा तो उनको पुलिस उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। कोलकाता में कई आशा कार्यकर्ता अभी भी पुलिस हिरासत में हैं। पश्चिम बंगाल आशा वर्कर्स यूनियन की दार्जिलिंग जिला समिति आशा कार्यकर्ताओं के इस तरह के पुलिस उत्पीड़न के विरोध में आंदोलन में शामिल हुई है। आज संगठन की ओर से बघायतिन पार्क से जुलूस निकालकर हासमीचक चौक पर आकर सड़क जाम किया गया. लंबे समय तक सड़क जाम रहने के कारण पूरे शहर में भारी ट्रैफिक जाम लग गया। संगठन की अध्यक्ष सरस्वती मुखर्जी ने कहा, ”आशा कार्यकर्ता पूरी निष्ठा के साथ अपनी सेवाएं देती रहती हैं, लेकिन उन्हें सरकार से बहुत कम पैसा मिलता है। परिवार चलाने की ज़िम्मेदारी है।” केंद्र या राज्य सरकार को उनके बारे में तुरंत सोचना चाहिए, अन्यथा आशा कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगी।