कंधार में हैलीकॉप्टर से लटकते शख्स का वीडियो वायरल

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अफगानिस्तान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में एक शख्स को हेलीकॉप्टर से फांसी पर लटकाये जाने का दावा किया जा रहा है. दावा यह भी किया जा रहा है कि वह शख्स अमेरिका का मददगार था, जिसे अमेरिकी सेना वापसी के बाद तालिबानियों ने फांसी पर लटका दिया. हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक एक अमेरिकी सिनेटर टेड क्रूज ने भी अपने ट्वीटर हैंडल से इस वीडियो को शेयर किया है. यह वीडियो दो कारणों से वायरल हो रहा है. पहला कारण यह है कि ऐसा माना जाता है कि तालिबान के पास कोई ट्रेंड पायलट नहीं है तो कंधार में यह हैलीकॉप्टर उड़ा कौन रहा है. दूसरा कारण किसी शख्स को हैलीकॉप्टर से फांसी पर लटकाया जा रहा है. रिपब्लिकन सीनेटर टेड क्रूज ने वीडियो शेयर करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की आलोचना की और दावा किया कि तालिबान ने एक अमेरिकी ब्लैकहॉक हेलीकॉप्टर से एक व्यक्ति को फांसी पर लटका दिया.

वीडियो के वायरल होने के बाद, कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने दावा किया कि यह वैसा नहीं था जैसा दिख रहा था क्योंकि हेलीकॉप्टर से लटकता हुआ आदमी वास्तव में तालिबान का लड़ाका था जो हवा से तालिबान का झंडा लगाने की कोशिश कर रहा था. ब्लैकहॉक भी एक अफगान पायलट द्वारा उड़ाया जा रहा था, जो संयुक्त राज्य और संयुक्त अरब अमीरात में प्रशिक्षण ले रहा था, न कि तालिबान का पायलट था.

अश्वका समाचार एजेंसी ने भी यही वीडियो पोस्ट करते हुए दावा किया कि कंधार गवर्नर कार्यालय के ऊपर ब्लैक हॉक देखा गया था. रिपोर्टों में दावा किया गया कि वह व्यक्ति वास्तव में राज्यपाल के कार्यालय पर हवा से एक झंडा लगाने की कोशिश कर रहा था. लेकिन यह अंत में काम नहीं किया.

रॉयटर्स फैक्टचेक ने दावा किया कि वीडियो के एक करीबी शॉट से पता चलता है कि आदमी जीवित है, इसके विपरीत दावों के बावजूद. इसके बाद, टेड क्रूज ने अपने पूर्व ट्वीट को हटा दिया और लिखा, यह पता चला है कि मैंने जिस पोस्ट को तालिबान के साथ साझा किया था. एक हेलीकॉप्टर से एक आदमी को फांसी का वीडियो गलत हो सकता है. इसलिए मैंने ट्वीट हटा दिया.

लेकिन उन्होंने कहा कि तालिबान जो है सो है. तालिबान क्रूर आतंकवादी हैं. हमने उन्हें ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टरों सहित लाखों अमेरिकी सैन्य उपकरण दिये हैं. यह बाइडेन प्रशासन की सबसे बड़ी गलती साबित होगी. बता दें कि अपने निर्धारित तिथि से एक दिन पहले ही अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपने सारे सैनिकों को वापस बुला लिया. इसके बाद तालिबान ने काबुल में जश्न मनाया और कहा कि अब हम पूरी तरह आजाद हैं.