मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसक नारे के मामले में दिल्ली पुलिस ने अब तक क्या किया?

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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मुसलमानों को निशाना बनाकर हिंसा के लिए भड़काने वाली नारेबाज़ी की गई जिसके वीडियो रविवार से सोशल मीडिया पर वायरल हो गए. ये सब हुआ संसद भवन से चंद मिनट दूर और संसद मार्ग थाने से चंद क़दम की दूरी पर, यही नहीं वहाँ पुलिस की मौजूदगी भी थी. दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता चिन्मय बिस्वाल ने बताया है कि इस मामले में प्रदर्शन के आयोजक अश्विनी उपाध्याय समेत छह लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. इससे पहले दिल्ली पुलिस ने अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ एक एफ़आईआर दर्ज की है. नई दिल्ली के पुलिस उपायुक्त दीपक यादव ने बीबीसी से कहा, “इस संबंध में एक एफ़आईआर दर्ज की गई है, वीडियो में दिख रहे लोगों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है.”

दिल्ली में पिछले साल फ़रवरी में हुए दंगों के कई अभियुक्तों की पहचान के लिए सीसीटीवी फ़ुटेज और फ़ेशियल रिकॉग्नीशन सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल किया गया था, क्या इस मामले में ऐसा किया जाएगा, इसका कोई जवाब दिल्ली पुलिस ने नहीं दिया है. सोशल मीडिया पर इस घटना के अलग-अलग कोण से लिए गए कई वीडियो मौजूद हैं जिनमें हाथ के इशारे के साथ मुसलमानों को काटे जाने के नारे लगाते हुए लोगों के चेहरे साफ़ दिख रहे हैं.

“भारत जोड़ो अभियान” के नाम से जंतर-मंतर पर लोगों को एकजुट किया गया था और ‘अंग्रेज़ी शासन काल के काले क़ानूनों के ख़िलाफ़’ प्रदर्शन किया गया था.

ये प्रदर्शन सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय के आह्वान पर हुआ था.

इस दौरान ‘भारत में समान शिक्षा, समान चिकित्सा, समान कर संहिता, समान दंड संहिता, समान श्रम संहिता, समान पुलिस संहिता, समान न्यायिक संहिता, समान नागरिक संहिता, समान धर्मस्थल संहिता और समान जनसंख्या संहिता’ लागू करने की मांग की गई थी.

आयोजकों का कहना है कि इस प्रदर्शन में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अलावा अन्य प्रांतों से भी हिंदूवादी कार्यकर्ता शामिल हुए थे.

सोशल मीडिया पर इस प्रदर्शन से जुड़े कई वीडियो शेयर किए जा रहे हैं. इन वीडियो में कई लोग ‘जब मु&*#…काटे जाएंगे, राम-राम चिल्लाएंगे’ नारा लगाते हुए दिख रहे हैं. नारा लगाने के साथ ये लोग हाथ से काटने का इशारा भी कर रहे हैं.

वीडियो में “भारत जोड़ो अभियान” का बैनर भी दिखाई देता है जिस पर आठ अगस्त, जंतर-मंतर भी लिखा है.

प्रदर्शन के आयोजक अश्विनी उपाध्याय ने एक बयान जारी करके कहा है कि वे नारेबाज़ी करने वालों को नहीं जानते.

उन्होंने अपने आप को नारेबाज़ी करने वालों से अलग करते हुए कहा है, “सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक व्यक्ति उन्मादी भाषण दे रहा है. कुछ लोग मुझे बदनाम करने के लिए मेरा नाम लेकर यह वीडियो ट्विटर, फ़ेसबुक और व्हाट्सऐप पर शेयर कर रहे हैं जबकि वीडियो में दिख रहे लोगों को न तो मैं जानता हूँ, न तो इनमें से किसी से मिला हूँ और न तो इन्हें बुलाया गया था.”

उपाध्याय ने दिल्ली पुलिस को एक पत्र लिखकर वीडियो की जांच करने और कार्रवाई करने की मांग की है. उपाध्याय ने लिखा है, “अगर यह वीडियो सही है तो इसमें शामिल लोगों के ख़िलाफ़ कठोर कार्रवाई करें और यदि असत्य है तो इसे सोशल मीडिया में शेयर करने वालों के ख़िलाफ़ कठोर कार्रवाई करें.”