दशकों से शुद्ध पेय जल को तरस रहा गांव ,

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पानी के लिए जाना पड़ता है एक किलो मीटर दूर, दूषित पानी के इस्तेमाल से कई बीमार  मालदा,

गांव में दो दशक से पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। लोगों को पीने का पानी संग्रह करने के लिए घर से एक किलोमीटर दूर जाना पड़ता है.वहीँ कई लोग आसपास के क्षेत्र में तालाबों और पोखर के दूषित पानी पीने को मबजूर हैं। मालदा जिले के मढ़ाईपुर क्षेत्र के साबुजपाड़ा गांव के सैकड़ों लोगों की अब यह दिनचर्या बन चुकी है। पानी की समस्या से जूझ रहे साहापुर ग्राम पंचायत के लोगों ने पंचायत एंव प्रशासन के खिलाफ रोष जताया है. गांव के लोगों  का कहना है चुनाव के दौरान विभिन्न दलों के नेता पेयजल की समस्या के समाधान के लिए तरह-तरह के वादे किए. लेकिन वोट खत्म होने के बाद कोई नजर नहीं आया। यह स्थिति पिछले दो साल से चल रही है। पंचायत अधिकारियों को सूचना देने से भी कोई लाभ नहीं हुआ। अब ग्रामीण पेयजल  की समस्या दूर करने की मांग में  राजकीय सड़कों को जाम करने की सोच रहे हैं. साबुजपाड़ा गांव ओल्ड  मालदा प्रखंड के साहापुर  ग्राम पंचायत के मधाईपुर क्षेत्र में स्थित है. वहां करीब डेढ़ सौ से अधिक परिवार रहते हैं। इस गांव में काफी समय पहले नलकूप की व्यवस्था की गई थी। लेकिन रख-रखाव के अभाव में नलकूप जर्जर हो गया है। पेयजल के लिए ग्रामीणों को गांव से एक से दो किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। कुछ लोग  आसपास के तालाबों के ठहरे हुए पानी का इस्तेमाल करते को बाध्य है। कोरोना महामारी काल में   दूषित पानी के इस्तेमाल से कई लोग पेट की बीमारियों और त्वचा रोगों से पीड़ित हैं। इससे ग्रामीणों में भारी रोष है। सबुजपाड़ा गांव के निवासी फरीदा बीबी के मुताबिक जब वोट आया तो गांव के नेताओं ने जो वादा किया था वह पूरा नहीं हुआ. पिछले दो दशकों में जब भी चुनाव हुए हैं, विभिन्न दलों के नेताओं ने यहाँ आकर  पेयजल की समस्या के समाधान का वादा किया है. लेकिन फिर भी कोई काम नहीं हुआ। गांव में पेयजल की समस्या से स्थानीय पंचायत सदस्यों से लेकर संबंधित ग्राम पंचायत अधिकारियों तक सभी को अवगत कराया गया. लेकिन इस मामले में किसी ने कोई रूचि नहीं दिखाई। वे लोग अब इसे लेकर  आंदोलन की सोच रहे हैं। दूसरी ओर  गांव के कुछ लोगों ने शिकायत की कि बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक कई लोग पास के तालाबों के प्रदूषित पानी का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके चलते कई लोग तरह-तरह की बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। सभी की मांग है कि ग्राम पंचायत व प्रशासन फिल्टर्ड पेयजल उपलब्ध कराए।