चैत्री छठ का आज नहाय-खाय है और इस दिन छठ ब्रती लौकी की सब्जी खाती है. इसलिए दुकानदारों को उम्मीद थी कि लौकी बिक्री कर मुनाफा हो सकता है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। विक्रेताओं का कहना है कि लौकी की बिक्री ज्यादा नहीं हो रही है। आमतौर पर हर दिन बाजार आने वाले एक किसान ने कहा कि चैत्री छठ नहाय खाय के दिन लौकी की कीमत थोड़ी अधिक होती है।
कुल मिलाकर इस बार लौकी के भाव में कोई खास बदलाव नहीं हुआ। अगले गुरुवार को चैती छठ है और उस अवसर पर आज हिंदी भाषी लोगों के लिए लौकी चावल खाने का महत्वपूर्ण दिन है। और इस दिन लौकी की बिक्री होती है। उन्होंने बताया कि बाजार में एक लौकी 25 से 30 रुपये में बिक रही है। हालांकि उनका कहना है कि ये सभी लौकी स्थानीय हैं।
आपको बता दें कि सूर्य देव और षष्ठी माता को समर्पित चार दिवसीय त्योहार चैती छठ इस वर्ष 1 अप्रैल से 4 अप्रैल तक मनाया जाएगा। इस पर्व की शुरुआत नहाय-खाय की परंपरा से होती है, जिसमें व्रती शुद्ध भोजन ग्रहण कर व्रत की शुरुआत करता है। यह त्यौहार विशेष रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है, लेकिन देश के अन्य भागों में भी इसका महत्व है।