सौर ऊर्जा से चलने वाली ई-रिक्शा का शववाही गाड़ी के तौर पर उपयोग

अब तक विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा शव को श्मशानघाट तक ले जाने के कार्य के लिए छोटे चौपहिया वाहनों का उपयोग किया जाता रहा है। हालांकि, ईंधन की बढ़ती लागत के बावजूद कोई भी इस सामाजिक जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटा है। लेकिन इस बार जलपाईगुड़ी को एक नई दिशा मिली है। शहर के एक जाने माने डॉक्टर डॉ. सुब्रजीत दास इस संबंध में आगे आए। उन्होंने अपने दिवंगत भाई की याद में एक सौर-संचालित ई-रिक्शा को शव वाहन में बदल दिया और इसे शहर में एक स्वयंसेवी संगठन को दे दिया। स्वयंसेवी संगठन ग्रीन जलपाईगुड़ी के सचिव अंकुर दास ने कहा कि लागत कम होगी जो आम आदमी के लिए इसकी सेवा को अधिक स्वीकार्य बनाएगी।

By Priyanka Bhowmick

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