बेमौसम बारिश ने किया आलू की खेती को प्रभावित, मुनाफे में कमी से किसान चिंतित

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सर्दी के मौसम में बेमौसम बारिश से आलू की खेती प्रभावित होने के कारण गाजोल प्रखंड के पांडुआ ग्राम पंचायत क्षेत्र के आलू किसानों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है| उनके मुताबिक इस साल क्षेत्र में आलू का उत्पादन काफी कम हुआ है। इसका कारण सर्दी के मौसम में हुई बारिश माना जा रहा है। कई इलाकों में आलू सड़ चुके हैं। इस वर्ष भूमि में उत्पादित आलू की मात्रा प्रतिवर्ष उत्पादित आलू की मात्रा से बहुत कम है। मुनाफे में कमी के बावजूद थोक विक्रेताओं को उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। गाजोल प्रखंड के पांडुआ क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों के आलू किसानों ने इस संबंध में प्रशासन से सहयोग की मांग की है|  गौरतलब हैं कि पांडुआ ग्राम पंचायत के सोनाटाला क्षेत्र के अधिकांश परिवार आलू की खेती पर निर्भर हैं|

गर्मी का मौसम शुरू होते ही पूरे इलाके में आलू की कटाई शुरू हो गई है| लेकिन ज्यादातर मामलों में फसल सड़ने से किसान चिंतित हैं।सोनाटाला क्षेत्र की आलू किसान बबीता सरकार के अनुसार “पिछले साल जनवरी और फरवरी में हुई बेमौसम बारिश से इस साल आलू की खेती को काफी नुकसान हुआ है| आलू बीज की कीमतें और उर्वरक की कीमतें बढ़ गई हैं। इस वर्ष आलू के बीजों को अधिक कीमतों पर एकत्र किया गया और खेती की गई। इसकी कीमत 30 से 35 हजार रुपये प्रति बीघा है। फिलहाल थोक व्यापारी 1000 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से आलू खरीदना चाहते हैं। इससे किसानों को कोई लाभ नहीं हो रहा हैं। क्षेत्र के आलू उत्पादकों के मुताबिक “अगर एक क्विंटल आलू की कीमत 1500 से 1800 रुपये होती तो मुनाफा होता। लेकिन थोक विक्रेताओं को वह कीमत उपलब्ध नहीं है। गाजोल के विभिन्न क्षेत्रों में प्रभावित आलू किसानों ने इस संबंध में सरकारी सहायता की अपील की है|”