बेमौसम बारिश ने किया मूर्ति विक्रेताओं से लेकर आम किसानों का हाल बेहाल

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सरस्वती पूजा से 24 घंटे पहले मूर्ति विक्रेताओं से लेकर आम किसानों को बेमौसम बारिश का सामना करना पड़ा। रात भर लगातार हो रही बारिश से मालदा शहर के विभिन्न इलाकों में पानी जमा हो गया|  ठंड और बारिश से सरस्वती मूर्ति विक्रेताओं को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई दुकानदारों का कहना है कि पॉलीथिन से ढकी सरस्वती की ज्यादातर मूर्तियां बारिश में बह गई हैं| 

नतीजतन, उनमें से कुछ आंसू बहा रहे हैं। वहीं मालदा जिले के गाजोल प्रखंड में सरसों से शुरू होने वाली विभिन्न प्रकार की सब्जियों और धान की खेती में भारी नुकसान हुआ है| कुल मिलाकर गुरुवार की आधी रात से शुरू हुई लगातार बारिश से मालदा में कुम्हार से लेकर आम किसानों तक के हालात बद से बदतर हो गए हैं| अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट वैभव चौधरी ने कहा, “मुझे बारिश के कारण सब्जियों और फसलों के नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।” बेशक मामले की जांच की जा रही है।इस बीच लगातार हो रही बारिश के चलते मालदा, पिरोजपुर, मेडिकल कॉलेज से सटे इलाके रामकृष्णपल्ली, विवेकानंद पल्ली समेत कई अन्य इलाकों में सरकारी कॉलोनी नंबर 2 में पानी भर गया है| बहुत से लोग जरूरी काम के अलावा अपने घरों से नहीं निकले। आम लोगों को घुटनों  को डुबोकर और बारिश के पानी को ठंडे घाटियों में पार कर सड़क पर चलना पड़ता है। बारिश का पानी जमा होने से भी मालदा शहर के विभिन्न वार्डों में नागरिकों में असंतोष फैल गया है| इंग्लिशबाजार नगरपालिका की प्रशासनिक बोर्ड की उपाध्यक्ष सुमाला अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने बेमौसम बारिश के कारण कुछ वार्डों में जलजमाव के बारे में सुना है। सभी स्थितियों की जांच कर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। इस बीच कई कलाकार मालदा शहर के फोयारा मोड़, नेताजी सुभाष रोड, राजमहल रोड समेत विभिन्न इलाकों में सड़क किनारे सरस्वती की मूर्तियां बेचते हैं| प्रत्येक वर्ष की भाँति इस वर्ष भी इन क्षेत्रों के फुटपाथों पर विभिन्न आकार की असंख्य सरस्वती प्रतिमाओं का भण्डारण किया गया। गुरुवार की रात बिक्री के बाद विक्रेताओं ने स्वाभाविक रूप से मूर्तियों को पॉलीथिन के साथ रख दिया। लेकिन आधी रात से लगातार हो रही बारिश के कारण अधिकांश मूर्तियां नष्ट हो गई हैं। नतीजतन, उनमें से कुछ फूट-फूट कर रोने लगे। मूर्ति विक्रेता मनोजीत मंडल, सुभाष मंडल के अनुसार,” कल्पना भी नहीं कर सकते थे कि इतना नुकसान होगा। हम आसपास के जिलों से थोक भाव में मूर्तियां खरीद कर शहर में बेचते हैं। पिछले बुधवार को बिक्री की शुरुआत अच्छी रही। आज शुक्रवार था, ज्यादा बिकने का दिन। लेकिन गुरुवार से हो रही मूसलाधार बारिश से ज्यादातर मूर्तियां नष्ट हो गई हैं। समझ नहीं आ रहा है कि हजारों रुपये के नुकसान की भरपाई कैसे करूं।”