मुंबई से दार्जीलिंग तक: उजास मेंस्ट्रुअल हेल्थ एक्सप्रेस मासिक धर्म के दौरान स्वास्थ्य और स्वच्छता पर जागरूकता बढ़ा रही है

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आदित्य बिर्ला एज्युकेशन ट्रस्ट की एक पहल उजास ने मासिक धर्म से जुड़े स्वास्थ्य और स्वच्छता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के अपने मिशन में एक महत्वपूर्ण पड़ाव हासिल किया है। उजास की संस्थापक सुश्री अद्वैतेशा बिर्ला के विज़न से प्रेरणा लेते हुए, यह पहल दार्जिलिंग राज्य में सकारात्मक बदलाव और सशक्तिकरण लाने के लिए तैयार है। नामचीन स्थानीय एनजीओ भागीदार ‘भविष्य भारत’ के साथ सहयोग करते हुए, उजास ने स्थानीय सामुदायिक आउटरीच के ज़रिए ज़्यादा से ज़्यादा किशोर लड़कियों और महिलाओं तक पहुंचने के लिए अपनी साझेदारी का पहला चरण शुरू किया है। यह रणनीतिक साझेदारी एक साल तक चलने वाले अभियान की शुरूआत है और समुदाय के साथ मिलकर काम करने की उजास की अटूट प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है। पूरे क्षेत्र में सक्रिय रूप से जागरूकता बढ़ाना, कलंकों, गलतफहमियों को हटाना और मासिक धर्म से जुड़े स्वास्थ्य और स्वच्छता के बारे में सकारात्मक बातचीत को बढ़ावा देना उनका लक्ष्य है। अभियान के पहले चरण में उजास टीम ने मासिक धर्म से जुड़े स्वास्थ्य और स्वच्छता प्रबंधन पर अलग-अलग आयुवर्गों के अनुरूप जागरूकता सत्र आयोजित किए और सैनिटरी नैपकिन भी बांटे।

इस आउटरीच में, उजास राज्य में मासिक धर्म से जुड़ी विविध संस्कृतियों, प्रथाओं और मान्यताओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी भी जमा करेगा। मासिक धर्म से जुड़ी गलतफहमियों और कलंकों को दूर करते हुए, व्यावहारिक उपाय और समाधान लाने के लिए इस जानकारी का गहन विश्लेषण किया जाएगा। उम्मीद है कि जैसे-जैसे समय आगे बढ़ेगा, इस सहयोगात्मक अभियान का प्रभाव गहरा होता जाएगा और यह अभियान दार्जीलिंग और आसपास के कई शहरों में मासिक धर्म स्वास्थ्य से संबंधित स्थायी प्रभाव छोड़ेगा।’उजास मेंस्ट्रुअल हेल्थ एक्सप्रेस’ एक अनूठी और भारत में अपनी तरह की पहली पहल है। 20,000 किलोमीटर से अधिक की सड़क यात्रा करते हुए देश के 25 राज्यों और 107 शहरों को कवर करने के लिए इसे डिज़ाइन किया गया है। पहल का मुख्य पहलु है विशेष रूप से डिज़ाइन की गई मासिक धर्म स्वास्थ्य एक्सप्रेस वैन, जो विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों का भ्रमण करेगी, स्थानीय गैर सरकारी संगठनों के साथ जुड़कर मासिक धर्म से जुड़ी संस्कृति, परंपराओं, प्रथाओं और मान्यताओं की व्यापक जानकारी प्राप्त करेगी।

स्थानीय गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से, देश भर में 250,000 से अधिक सैनिटरी पैड बांटना इस पहल का है, जो मासिक धर्म से जुड़ी स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने, महिलाओं को सशक्त बनाने और समुदायों के भीतर सकारात्मक प्रभाव पैदा करने की उजास की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।सुश्री अद्वैतेशा बिर्ला, उजास की संस्थापक ने पहल के बारे में कहा, “उजास मेंस्ट्रुअल हेल्थ एक्सप्रेस सिर्फ एक वैन नहीं बल्कि परिवर्तन का प्रतीक है, जो बाधाओं को तोड़ता है और एक ऐसे समाज के निर्माण को बढ़ावा देता है जहां मासिक धर्म के दौरान स्वस्थ और स्वच्छ रहना वर्जित नहीं बल्कि एक अधिकार है। दार्जीलिंग में हम शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय समुदायों तक पहुंचने और प्रशिक्षित प्रोफेशनल्स द्वारा अलग-अलग आयुवर्गों के लिए अलग-अलग जानकारीपूर्ण जागरूकता कार्यशालाओं के ज़रिए मासिक धर्म के दौरान स्वास्थ्य और स्वच्छता के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।” इस परिवर्तनकारी पहल का समर्थन करने और मासिक धर्म स्वास्थ्य और स्वच्छता के बारे में अधिक सूचित, जागरूक और सहायक समाज के निर्माण में योगदान देने के लिए उजास ने मीडिया, समुदाय के नेताओं और जनता को सहयोग करने का आवाहन किया है।