पटना में दो दिवसीय G20 श्रम शिखर सम्मेलन शुक्रवार को संपन्न हो गया। सम्मेलन के अंतिम दिन कई द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठकें आयोजित की गईं। कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए प्रतिनिधियों ने प्रवासी श्रम, सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा, महिलाओं और कार्य के भविष्य पर मसौदा वक्तव्य पर चर्चा की। इस शिखर सम्मेलन में ट्रेड यूनियन नेताओं, विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और सरकारी अधिकारियों के अलावा 28 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। G20 श्रम शिखर सम्मेलन के समापन दिवस पर विशेषज्ञों ने विभिन्न मुद्दों पर दस्तावेज प्रस्तुत किया। इस अवसर पर श्रम मामलों के विशेषज्ञ रवि रमन ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और सूचना व संचार तकनीक की शुरुआत के कारण काम के प्रवास का वैश्विक परिदृश्य बदल गया है।
उन्होंने कहा कि G20 देशों को क्षेत्र में इन महत्वपूर्ण परिवर्तनों को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने स्किल ,डेवलपमेंट प्रोग्राम को मजबूत करने पर जोर दिया ताकि कार्य क्षमता को बढ़ाया जा सके। सम्मेलन के दौरान चीन के एसीएफटीयू प्रतिनिधिमंडल ने चीन में ट्रेड यूनियनों की गतिविधियों पर लेबर20 अध्यक्ष को एक रिपोर्ट भी प्रस्तुत की। भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस के वरिष्ठ ट्रेड यूनियन नेता केके तिवारी ने लेबर20 के लोकतांत्रिक और सफल संगठन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर बीएमएस और संबद्ध यूनियनों की सराहना की। सम्मेलन में हिस्सा लेने आए प्रतिनिधियों ने पटना के अशोक कन्वेंशन सेंटर में एक-दूसरे के प्रति अपनी एकजुटता व्यक्त की। G20 श्रम शिखर सम्मेलन के दौरान एक प्रस्ताव भी अपनाया गया जिसमें मुख्य मुद्दों पर आम सहमति का सारांश शामिल किया गया। बाद में इंडोनेशिया, भारत और ब्राजील सहित ट्रोइका देशों के अतीत, वर्तमान और भविष्य के अध्यक्षों द्वारा एक संयुक्त बयान भी जारी ,किया गया। बैठक के अंतिम दिन लेबर 20 ग्रुप के चेयरमैन हिरण्मय पंड्या ने ब्राजील की अगली चेयरपर्सन रूथ कोएल्हो मोंटेइरो को कमान सौंपा। ब्राजील G20 की अगली अध्यक्षता ग्रहण करेगा। ,दूसरे दिन बैठक से पहले G20 देशों के प्रतिनिधियों ने शिखर सम्मेलन के अंतिम दिन पटना साहिब में तख्त श्री हरिमंदिर साहिब गुरुद्वारे का दौरा किया। बैठक के पहले दिन बिहार के राज्यपाल ने श्रम शिखर सम्मेलन के उद्घाटन दिवस पर G20 देशों और अन्य आठ अतिथि देशों के प्रतिनिधिमंडलों द्वारा श्रम सुधारों, शिकायतों और रोजगार के कई मुद्दों पर चर्चा की गई।
चर्चा, विचार-विमर्श और विचार-मंथन सत्र के दौरान कई प्रतिनिधियों द्वारा असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों पर COVID-19 महामारी के प्रभाव को उठाया गया। इससे पहले बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने समिट का उद्घाटन किया।उन्होंने ट्रेड यूनियन नेताओं, शिक्षाविदों, विशेषज्ञों और सरकार में हितधारकों से श्रमिकों और वंचित समूहों की शिकायतों का समाधान करके उनके मानवाधिकारों की रक्षा करने की अपील की। वहीं बिहार आए देश-विदेश के मेहमानों को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से राज्य के अतीत, वर्तमान और भविष्य की झलक दिखाई गई। सभी प्रतिनिधि शनिवार को प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय का दौरा करेंगे।