आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर बंगाल के सभी माकपा दफ्तरों में फहराया जायेगा तिरंगा

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अमूमन राष्ट्रीय त्योहार और पूजा पाठ से दूर रहने वाली वामपंथी पार्टियां इस बार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पूरे देश में ध्वज लहराने जा रही हैं। पार्टी की केंद्रीय इकाई ने इसकी घोषणा पहले ही कर दी थी और साफ कर दिया था कि देश भर में ऐसा कार्यक्रम किया जाएगा। इसके बाद 34 वर्षों तक जिस बंगाल पर माकपा ने शासन किया था वहां इसकी तैयारियां तेज कर दी गई हैं। पार्टी से जुड़े एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि अमूमन स्वतंत्रता दिवस पर हमारे पार्टी दफ्तरों में कोई कार्यक्रम नहीं होते थे लेकिन इस बार ध्वज फहराया जाएगा। राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत भी होगा तथा लोगों के बीच मिठाई भी बांटी जाएगी।

 पिछले एक दशक से पूरे देश में धीरे-धीरे अस्तित्व खो रही वामपंथी पार्टियों द्वारा इस बार स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण को लेकर कई तरह के राजनीतिक कयास लगाए जा रहे हैं। कई राजनीतिक विश्लेषक दावा कर रहे हैं कि लोगों के बीच स्वीकार्यता स्थापित करने के लिए ही पार्टी ने यह निर्णय लिया है। कई मौके पर वामपंथी नेताओं के बयानों की वजह से पार्टी पर देश विरोधी ताकतों को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहते हैं। इसलिए केंद्रीय नेतृत्व ने पहले ही निर्णय लिया था कि पार्टी की कमान अब बुजुर्ग नेताओं से लेकर युवा नेतृत्व को सौंपी जाएगी। अब स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण के जरिए नई पीढ़ी के बीच अपनी विचारधारा को पुनः स्थापित करने की कोशिश में पार्टी जुटी हुई है। हालांकि माकपा नेताओं ने इस तरह के दावों से इनकार किया है। पार्टी के एक नेता ने बताया कि आजादी की 25 वीं और 50 वीं सालगिरह पर भी ध्वजारोहण किया गया था। इस बार 75 वीं वर्षगांठ है इसलिए ध्वजारोहण किया जा रहा है। इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं।