टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2025 तक 10,000 से ज्यादा चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए प्रमुख चार्ज प्वाइंट ऑपरेटर्स के साथ सहयोग किया

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भारत के इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने वाली कंपनी, टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड (टीपीईएम) ने आज देश के प्रमुख चार्ज पॉइंट ऑपरेटर्स (सीपीओ), चार्जज़ोन, ग्लिडा, स्टेटिक और ज़िऑन के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इन साझेदारियों के जरिये भारत के चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को और विकसित किया जाएगा। इस समझौते से देश के चार्जिंग इकोसिस्टम में इनमें से प्रत्येक ऑपरेटर की पैठ और बढ़ेगी। साथ ही इनको भारतीय सड़कों पर चल रही 1.15 लाख से ज्यादा टाटा ईवी पर आधारित टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड के अनुभव का फायदा भी मिलेगा। टीपीईएम अपने ईवी मालिकों द्वारा सबसे ज्यादा बार इस्तेमाल किए जाने वाले स्थानों पर चार्जर स्थापित करने में इन चार सीपीओ की सक्रिय रूप से सहायता करेगा। साथ ही ग्राहक से जुड़े अपने अनुभव को चार्ज पॉइंट ऑपरेटर्स के साथ साझा करेगा। चार्जज़ोन, ग्लिडा (जिसे पहले फोर्टम चार्ज एंड ड्राइव इंडिया के नाम से जाना जाता था), स्टेटिक और ज़िऑन देश की सबसे बड़ी सीपीओ में से हैं। देश के बड़े शहरों में इनके पास लगभग 2,000 चार्जिंग पॉइंट का संयुक्त नेटवर्क है। भारत का इलेक्ट्रिक मोबिलिटी सिस्टम इन ऑपरेटर्स द्वारा बनाये गये मजबूत चार्जिंग इकोसिस्टम पर निर्भर है। इस सहयोग के जरिए ये सीपीओ अगले 12-15 महीनों के अंदर 10,000 से ज्यादा अतिरिक्त चार्जिंग पॉइंट शुरू करने करने की योजना पर काम कर रहे हैं।

इस एमओयू के माध्यम से, टीपीईएम एक को-ब्रांडेड आरएफआईडी कार्ड से एक स्मार्ट पेमेंट गेटवे को रोल-आउट करने की संभावना तलाशेगी। इसके लिए कंपनी चार्जज़ोन, ग्लिडा, स्टेटिक और ज़ोन के साथ मिलकर काम करेगी। इस पेमेंट गेटवे के जरिए टाटा ईवी यूजर्स को भुगतान करने में आसानी होगी। इसके अलावा यूजर्स इन सीपीओ के लॉयल्टी प्रोग्राम्स का भी फायदा उठा सकेंगे और किसी भी सहायता के लिए वे डेडिकेटेड कस्टमर केयर नंबर का इस्तेमाल कर सकते हैं। एमओयू पर हस्ताक्षर के अवसर पर, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड और टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड के चीफ स्ट्रैटेजी ऑफीसर, श्री बालाजे राजन ने कहा, “शहरी प्रदूषण को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाना देश के लिए बहुत जरूरी हो गया है। इसके लिए सुविधाजनक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत है। ईवी के प्रसार के लिए तेजी के साथ एक राष्ट्रव्यापी चार्जिंग इकोसिस्टम बनाने की जरूरत है। इस लक्ष्य को पाने के लिए खुले सहयोग की आवश्यकता है। ई-मोबिलिटी की दिशा में भारत की प्रगति को तेज करने के लिए चार्जज़ोन, ग्लिडा, स्टेटिक और ज़ीऑन के साथ रणनीतिक सहयोग की घोषणा करते हुए मुझे खुशी हो रही है। इस सहयोग से टीपीईएम के ईवी सेक्टर के अनुभव का लाभ सीपीओ कंपनियों को मिलेगा। जिसका फायदा उठाकर ये कंपनियां वित्त वर्ष 2025 तक देश में 10,000 से ज्यादा चार्जिंग पॉइंट लगाएंगी।”

ईवी इकोसिस्टम पर किए गए एक ग्लोबल केस स्टडी से पता चलता है कि व्यापक और आसानी से सुलभ चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर ईवी इकोसिस्टम का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह देखने को मिलता है कि चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार से ईवी को अपनाने में उल्लेखनीय बढ़त हुई है। देश के प्रमुख सीपीओ और टीपीईएम के बीच हुए इस अभिनव सहयोग से देश में चार्जिंग इफ्रास्ट्रक्चर के विकास में तेजी आने की उम्मीद है। जिससे देश में ईवी के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने में सहायता मिलेगी।