टोयोटा किर्लोस्कर ऑटो पार्ट्स पीएलआई योजना के तहत प्रोत्साहन के लिए पात्र हैं

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टोयोटा समूह की कंपनियों के भाग, टोयोटा किर्लोस्कर ऑटो पार्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (टीकेएपी) ने आज घोषणा की कि उसे एक्सईवी ट्रांसएक्सल (ई-ड्राइव) के लिए डोमेस्टिक वैल्यू ऐडिशन (घरेलू मूल्य संवर्धन) या डीवीए प्रमाणपत्र प्राप्त हुआ है जो उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी (एएटी) उत्पादों के लिए उत्पादन से संबंधित (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) यानी पीएलआई योजना के तहत मिला है। इस विकास से टीकेएपी योजना के तहत प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए पात्र बन गया है। टीकेएपी का उत्पाद उन्नत ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी के परीक्षण मानदंडों पर भी खरा उतरा है और यह ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) द्वारा प्रमाणित है।

2002 में स्थापित, टीकेएपी ऑटोमोटिव रियर एक्सल, प्रोपेलर शाफ्ट और ट्रांसमिशन इकाइयों के निर्माण और बिक्री में लगी हुई है। गुजरे वर्षों के दौरान, कंपनी तेजी से बढ़ी है और टोयोटा समूह में ड्राइव ट्रेन पार्ट्स तथा असेंबली (एक्सईवी ट्रांसएक्सल) के एक महत्वपूर्ण निर्माता के रूप में उभरी है। “आत्मनिर्भर भारत” के साथ तालमेल में और “बड़े पैमाने पर विद्युतीकरण” के प्रति टोयोटा समूह की प्रतिबद्धता के अनुरूप, टीकेएपी ने 2022 में टोयोटा किर्लोस्कर मोटर को घरेलू आपूर्ति के लिए एक्सईवी ट्रांसएक्सल (ई-ड्राइव) का उत्पादन करने के लिए एक उन्नत विनिर्माण सुविधा स्थापित की। यह टोयोटा किर्लोस्कर मोटर को देसी आपूर्ति और जापान तथा अन्य एशियाई देशों को निर्यात के लिए है। यह भारत को टोयोटा एशिया का इलेक्ट्रीफिकेशन हब बनाने की दिशा में एक कदम है। नई इकाई जापान के बाहर चौथी है, इसकी वार्षिक स्थापित क्षमता 135,000 यूनिट की है जो इसे ईवी भागों के लिए वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में भारत के उभरने का सबसे अच्छा मामला बनाती है। यह उत्पाद स्ट्रांग हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन (एसएचईवी), प्लस-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन (पीएचईवी), बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (बीईवी), फुएल सेल इलेक्ट्रिक वाहन (एफसीईवी), फ्लेक्स फ्यूल स्ट्रांग हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हेकिल (एफएफवी-एसएचईवी) में एक मुख्य घटक है।

इसके अलावा, विद्युतीकृत भागों/घटकों के स्थानीयकरण के अलावा, टीकेएपी अपने संयंत्र और मशीनरी को स्थानीयकृत करने में भी सफल रहा है जिनका उपयोग बड़े पैमाने पर इन स्थानीय भागों/घटकों के उत्पादन के लिए किया जा रहा है। विकास पर टिप्पणी करते हुए और सरकार के प्रति अपना आभार जताते हुए, टोयोटा किर्लोस्कर ऑटो पार्ट्स के प्रबंध निदेशक, केएन प्रसाद ने कहा, “भारतीय ऑटो उद्योग की नवीनीकृत क्षमता और पीएलआई जैसी योजनाओं के माध्यम से मजबूत निरंतर सरकारी समर्थन को देखते हुए, हमने स्पष्ट प्रगति की है। भविष्य में प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण में भाग लेने के उद्देश्य से भारत को उन्नत, स्वच्छ और कुशल वाहनों के एक महत्वपूर्ण विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करना है।” द्रुत विद्युतीकरण के लिए, वैश्विक स्तर और गुणवत्ता पर भारत में ईवी पार्ट्स का स्थानीयकरण और निर्माण करना आवश्यक है। इसलिए, भारी उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्धारित अनिवार्य स्थानीय मूल्य संवर्धन मानदंड स्थानीय स्तर पर निर्मित उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी उत्पादों को प्रतिस्पर्धा के लिहाज से और सक्षम बनाता है। भारी उद्योग मंत्रालय और आईएफसीआई द्वारा स्टेकधारकों की सलाह से स्थापित मजबूत और संपूर्ण एसओपी ने आवेदकों को उचित रूप से तैयारी करने और स्थापित मानदंडों को पूरा करने में सक्षम बनाया है। इतने वर्षों में, टोयोटा समूह की कंपनियों का देश के “मेक-इन-इंडिया” मिशन में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। टोयोटा किर्लोस्कर मोटर, टोयोटा किर्लोस्कर ऑटो पार्ट्स और टोयोटा इंडस्ट्रीज इंजन इंडिया सहित समूह ने दिसंबर 2023 तक 16,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है।