जापान में जारी ओलिंपिक महाकुंभ में शनिवार को भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra wins Gold) ने जेवलिन थ्रो (Javelin throw final) में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है. इस कारनामे के साथ ही नीरज चोपड़ा ओलिंपिक की व्यक्तगित प्रतिस्पर्धा में सोना जीतने वाले इतिहास के सिर्फ दूसरे और एथलेटिक्स में यह कारनामा करने वाले पहले भारतीय एलीट बन गए गए हैं| नीज चोपड़ा से पहले सिर्फ शूटिंग में अभिनव बिंद्रा ने साल 2008 में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता था| बता देें कि नीरज ने अपने पहले थ्रो में 87.03 मीटर दूर भाला फेंका, जबकि पहले राउंड की दूसरी कोशिश में नीरज के भाले ने 87.58 मी. की दूरी मापी|
तीसरे प्रयास में नीरज ने 76.79 मी. दूर भाला फेंका| पहले राउंड में 12 खिलाड़ियों से 8 ने अगले दूसरे और फाइनल राउंड में जगह बनायी थी| यहां नीरज से कुछ फाउल जरूर हुए, लेकिन अच्छी बात यह रही कि नीरज शुरुआत से लेकर खत्म होने तक एक बार भी नंबर-1 पायदान से नीचे नहीं फिसले और इसी के साथ उन्होंने समापन किया| इस प्रतिस्पर्धा का रजत पदक चेक गणराज्य के जैकब वैदलेक (86.67) और कांस्य पदक भी चेकगणराज्य के ही लंदन ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले और 38 साल के वितेजस्लेव वेसली (85.44 मी.) के खाते में गया|
नीरज ने चौथी और पांचवीं कोशिश में फाउल होने के बाद अपनी आखिरी यानि छठी कोशिश में 84.24 मी| दूरी पर भाल फेंका, लेकिन उनके स्वर्ण पदक का आधार बनी दूसरी कोशिश में मापी गयी 87.58 की दूरी| इस दूरी को न पाकिस्तानी अरशद नदीम ही भेद सके और न ही कोई दूसरा एथलीट| इससे नीरज चोपड़ा की रणनीति भी साफ हो गयी कि उन्होंने अपनी सारी ताकत और ऊर्जा शुरुआती कोशिशों में ही लगा दी और इस प्रयास ने उन्हें वह दिला दिया, जो भारतीय खेल इतिहास में हमेशा सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा|