टीकेएम ने 24 घंटे चलने वाले टोयोटा हैकथॉन के सफल समापन की घोषणा की

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टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) ने आज 24 घंटे के टोयोटा हैकथॉन के सफल समापन की घोषणा की। यह आयोजन आरवी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, बैंगलोर में किया गया था। इसके जरिये सड़क सुरक्षा को मजबूत करने का काम ‘सड़क सुरक्षा माह’ (18 जनवरी–17 फरवरी 2024) के दौरान किया गया। 24 घंटे के हैकथॉन के मंच कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य अतिथियों, श्री एचसी बालकृष्ण, विधायक मगदी और चेयरमैन, कर्नाटक रोड डेवलपमेंट लिमिटेड और श्री शरथ बाचे गौड़ा, चेयरमैन, कर्नाटक स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (केईओएनआईसीएस), कर्नाटक सरकार ने की। इस मौके पर श्री जे पुरुषोत्तम, अतिरिक्त परिवहन आयुक्त और निदेशक – सड़क सुरक्षा सेल, परिवहन विभाग, कर्नाटक सरकार सम्मानित अतिथि थे। श्री ब्रिजेश अग्रवाल, वाइस प्रेसिडेंट, ऑपरेशंस, कॉनसेरो ग्लोबल और असिस्टेंट चीफ ट्रैफिक वार्डन विशेष आमंत्रित थे। इनके साथ टीकेएम के वरिष्ठ कार्यकारी  श्री सुदीप एस दलवी, मुख्य संचार अधिकारी और वरिष्ठ वाइस प्रेसिडेंट और निदेशक तथा अन्य प्रमुख गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

शिक्षा और सड़क सुरक्षा टीकेएम के मुख्य सीएसआर के प्रमुख स्तंभों में से एक है। इस पहल के जरिये, टीकेएम विभिन्न निजी और सरकारी स्कूलों के साथ-साथ बैंगलोर स्थित कॉलेजों के छात्रों (कक्षा 9वीं से 12वीं) के आविष्कारशील दिमाग को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करता है। टोयोटा हैकथॉन ने एक गतिशील मंच प्रदान किया, जिसे तीन आकर्षक चरणों में विभाजित किया गया। इसमें छात्रों ने सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अपनी रचनात्मकता, नवाचार और व्यावहारिक डिजिटल समाधानों के प्रोटोटाइप विकास का प्रदर्शन किया। इसके अलावा, यह कार्यक्रम भविष्य की पीढ़ियों को कार्रवाई योग्य सड़क सुरक्षा समाधान का विकास करने के लिए सशक्त बनाकर, युवा दिमाग की सरलता के माध्यम से ‘शून्य सड़क मृत्यु दर’ के दर्शन में कंपनी के योगदान के मजबूत प्रयासों को रेखांकित करता है।

भारत अपनी विशाल आबादी और विविध सड़क नेटवर्क के साथ, हर साल बड़ी संख्या में सड़क दुर्घटनाओं का सामना करता है। कैलेंडर वर्ष 2022 की रिपोर्ट से * पता चलता है कि सड़क दुर्घटनाओं की संख्या, मारे गए व्यक्तियों की संख्या और घायलों की संख्या में पिछले वर्षों की तुलना में क्रम से 11.9%, 9.4% और 15.3% की वृद्धि हुई है। इसके अलावा, 2022 के दौरान घातक सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों में 18 से 45 वर्ष की आयु के युवा वयस्कों का प्रतिशत 66.5 था।