सरस्वती की मूर्ति बनाने का काम शुरू, कुम्हारों के चेहरे पर देखने को मिली ख़ुशी

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कोरोना संक्रमण के चलते पिछले दो साल में सरस्वती प्रतिमा का जिक्र कम ही आया। परिणामस्वरूप ओल्ड मालदा के अधिकांश कुम्हारों को नुकसान उठाना पड़ा। लेकिन इस साल स्थिति सामान्य दिशा में आगे बढ़ रही है, भले ही यह थोड़ा बहुत हो। गुरुवार से सभी स्कूल खुल जाएंगे। ऐसे में विभिन्न विद्यालयों के छात्र सरस्वती की पूजा करने आएंगे। पिछले दो साल से इस साल सरस्वती मूर्ति निर्माण मेले में ओल्ड मालदा के कुम्हारों में ख़ुशी देखी  जा सकती हैं| 

इसलिए दिन रात सरस्वती माता की मूर्ति बनाने का काम चल रहा है। ओल्ड मालदा के विभिन्न क्षेत्रों में कई मिट्टी के बर्तन बनाने के कारखाने हैं। जहां-जहां कुम्हार अब अलग-अलग आकार की सरस्वती प्रतिमाएं बनाने में लगे हैं| इस बार स्थिति थोड़ी सामान्य हो गई है. अच्छी मूर्तियों के उद्धरण मेल खाते हैं। पुराने मालदा प्रखंड के रसीलदाहा क्षेत्र के कुम्हार विक्रम मंडल ने कहा  “एक हजार से लेकर चार हजार रुपए तक की विभिन्न आकारों की सरस्वती मूर्तियां बनाई गयी हैं | उनमें से अधिकांश की पूजा स्कूलों में की जाएगी। हालांकि राज्य सरकार ने गुरुवार से स्कूल खोलने का निर्देश दिया है|  इसलिए हमें सरस्वती की मूर्ति पहले ही बनानी पड़ी। अब बहुत तरक्की हो रही है। मैं उसी अनुपात में सरस्वती की मूर्ति बनाने का अंतिम समय में काम जारी रख रहा हूं। उम्मीद है कि इस साल हमें मूर्ति निर्माण में लाभ का स्तर देखने को मिलेगा”|