इस्लामपुर गर्ल्स हाई की प्रधानाध्यापिका की कोशिश के बाद एक दिव्यांग छात्रा की शादी संपन्न हो गई। दिव्यांग वैशाली और अभिजीत परिणय सूत्र में बंध गए। शुक्रवार रात ऐसा ही नजारा देखा गया इस्लामपुर के सिद्धेश्वरी काली मंदिर में। यह शादी दूसरी शादियों से एकदम अलग थी क्योंकि जन्म से ही दिव्यांग, जो अक्सर मुख्यधारा से कटे होते हैं उन्हें समाज में स्थान दिलाना बहुत मुश्किल होता है और यह मुश्किल काम शिक्षिका जगद्धात्री सरकार ने कर दिखाया। इस दिन दोनों पक्षों के परिजनों और इस्लामपुर के विशिष्ट व्यक्तियों की उपस्थिति में दोनों का विवाह संपन्न हो गया।
इस दिन इस्लामपुर बालिका विद्यालय की प्रधानाध्यापिका जगद्धात्री सरकार, जिनकी देखरेख में विवाह का आयोजन किया गया था, ने बताया कि उनके इस कार्य में इस्लामपुर विज्ञान मंच, इस्लामपुर सिद्धेश्वरी काली मंदिर कमिटी प्रबंधन और इस्लामपुर उच्च बालिका विद्यालय में उनका साथ दिया। उन्होंने आगे बताया कि वैशाली का रिश्ता ठीक होने के एक-दो दिन बाद ही कट जाता था। अंत में वैशाली की एक सहेली ने यह बात जगद्धात्री सरकार को बताई कि एक दिव्यांग पात्री के लिए एक दिव्यांग पात्र की तलाश की जारही है। इसके बाद जगद्धात्री सरकार ने उनका रिश्ता ठीक कराया और अंत वैशाली और अभिजीत इस्लामपुर सिद्धेश्वरी काली मंदिर संपन्न हुई।