करारी पकौड़ी से लेकर चटपटे समोसे तक—स्ट्रीट फूड पूरे भारत में सिर्फ भोजन नहीं, बल्कि एक भाव है। लेकिन हर परिपूर्ण तरीके से तला हुआ स्नैक उस तेल पर निर्भर करता है जिसमें वह तैयार किया जाता है—और इस पहलू को हम अक्सर नज़रअंदाज़ कर देते हैं। इसी विषय पर एक पॉडकास्ट सीरीज़ में कुलिनरी एक्सप्लोरर और दिल्ली फूड वॉक्स के संस्थापक अनुभव सप्रा को दिखाया गया है, जहाँ उन्होंने स्ट्रीट फूड में उपयोग होने वाले तेलों की भूमिका को सरल तरीके से समझाया और भ्रामक फूड लेबल्स के पीछे छिपे सच को उजागर किया।
पहले एपिसोड “साइलेंट हीरो: द साइंस ऑफ़ व्हाट वी ईट” में अनुभव बताते हैं कि स्ट्रीट वेंडर्स पाम तेल का व्यापक उपयोग क्यों करते हैं। उच्च तापमान पर इसकी स्थिरता, न्यूट्रल स्वाद और लगातार एकसमान तलने की क्षमता भारतीय स्नैक्स को उनका विशिष्ट कुरकुरापन देती है।
दूसरे एपिसोड “नो पाम ऑयल? डोंट बी फूल्ड” में वे “नो पाम ऑयल” लेबल्स की बढ़ती प्रवृत्ति पर प्रकाश डालते हैं और बताते हैं कि ये टैग अक्सर उपभोक्ताओं में भ्रामक स्वास्थ्य धारणाएँ पैदा करते हैं। वे सलाह देते हैं कि उपभोक्ता पैकेट के सामने दावों पर निर्भर रहने के बजाय पूरी सामग्री सूची और पोषण तथ्यों को अवश्य पढ़ें।
