बंगाल पुरोहित सभा की मालदा शाखा के सदस्यों ने ‘पहले सरकारी भत्ता, फिर दुर्गापूजा’ के नारे के साथ जोरदार आंदोलन की तैयारी में जुट गए हैं सोमवार सुबह इंग्लिशबाजार शहर के पुरातुली इलाके में स्थित अपने शाखा कार्यालय में आयोजित बैठक के बाद पुरोहित सभा के सदस्यों ने ये एलान किया। सरकारी भत्ते के अलावा उनकी कई अन्य मांगें हैं जैसे स्वास्थ्य साथी कार्ड, जिले में संस्कृत अकादमियों की स्थापना, पुरोहित समुदाय के बच्चों को उच्च शिक्षा में प्राथमिकता देना और बीपीएल सूची में उनके नाम शामिल करना आदि । बंगाल पुजारी संघ की मालदा शाखा के संयुक्त सचिव चित्तरंजन आचार्य ने कहा कि 2020 में मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार, हमारे जिले के कुछ पुजारियों को अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर में तीन महीने के लिए 3,000 रुपये सरकारी भत्ते मिले।
उसके बाद से अब तक उन्हें भत्ता नहीं दिया गया है। जिले में पुजारियों की संख्या 7,000 है लेकिन अब तक केवल 700 पुजारियों को सरकारी भत्ता मिला है। उन्हें राज्य सरकार से सभी पुरोहितों को एक हजार रुपये मासिक वजीफा देने की व्यवस्था करने की मांग की । वर्ष 2000 के अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर के तीन महीने मासिक भत्ता मिला इसके बाद से पुरोहितों को किसी प्रकार का कोई भत्ता नहीं मिला। इसके साथ ही उन्होंने कहा इन मांगों को लेकर अगले15 दिनों के भीतर जिले के सभी पुजारी एकजुट होकर डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन देंगे. इसके साथ ही उन्होंने कोरोना महामारी काल में मुख्यमंत्री से उन्हें मदद करने की गुहार लगायी। उन्होंने कहा अगर मुख्यमंत्री इस मामले में उन्हें कोई मदद नहीं करती है और उनके अनुरोध को अस्वीकार करती है तो वे लोग इस वर्ष दुर्गा पूजा, दिवाली और काली पूजा के आयोजन को रोकने देंगे।