बकरी का चारा डालकर पिंजरा के 7 दिन बाद पिंजरे में कैद हुआ तेंदुआ। जलपाईगुड़ी जिले के बाताबाड़ी चाय बागान की घटना, बताबाड़ी चाय बागान के सेक्शन 5बी में पिंजरे में तेंदुआ कैद होने से लोगों ने राहत की सांस ली। मंगलवार सुबह स्थानीय निवासियों ने पिंजरे से तेंदुए की दहाड़ सुनी। एक पूर्ण विकसित तेंदुआ पिंजरे में इधर-उधर भाग रहा है। खबर के बाद उस इलाके में काफी लोग जमा हो गये। इसकी सूचना वन विभाग के खुनिया रेंज को दी गयी. वहां से वनकर्मी आये और पिंजरे सहित तेंदुए को ले गये। गौरतलब है कि तेंदुआ शाम के बाद चाय बागान से मजदूरों के मोहल्ले में घुस रहा था। वह बकरियों और कुत्तों को ले जा रहा था। लोग डर के मारे घर से बाहर नहीं निकल रहे थे। बगीचे के रात्रि प्रहरी भी भयभीत होकर बगीचे की रखवाली कर रहे थे। उद्यान प्राधिकरण की ओर से वन विभाग से तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने का अनुरोध किया गया था। 24 जुलाई को उद्यान के सेक्शन 5बी में पिंजरा लगा दिया गया। आज सात दिन बाद तेंदुआ उस पिंजरे में कैद हो गया। अंततः तेंदुए के पिंजरे में बंद होने से चाय बागान कर्मियों सहित स्थानीय निवासी भय से मुक्त हो गये। खुनिया स्क्वाड के रेंजर सजल कुमार डे ने कहा कि यह पूर्ण विकसित नर तेंदुआ था। इसे गरूमारा जंगल में छोड़ा जाएगा।