पहले कैंपेन ‘नमक हो टाटा का… टाटा नमक’ को उपभोक्ताओं से मिले प्यार से प्रेरित होकर, देश में आयोडीन युक्त नमक के नंबर 1 ब्रांड टाटा साल्ट ने, ‘नमक हो टाटा का… टाटा नमक’ के दूसरे संस्करण को आईपीएल फाइनल में लांच किया है। देश भर में लोगों का टाटा नमक से प्यार, और जुड़ाव को और गहरा बनाता ये कैंपेन, ब्रांड की प्रतिष्ठित जिंगल को, ब्रांड के उद्देश्य से जोड़ते हुए, एक नए सिरे से पेश कर रहा है। बच्चों के मानसिक विकास में आयोडीन की अहमियत समझाता, टाटा नमक का नया अभियान नए कैंपेन में दिल को छू लेने वाली 8 शानदार ब्रांड फिल्में हैं, जो पुरानी यादों को ताज़ा करते हुए एक महत्वपूर्ण संदेश देती हैं: टाटा नमक, आयोडीन की सही मात्रा से बच्चों के मानसिक विकास में सहायता करता है, जिससे देश का भविष्य और भी सशक्त बनता है। ‘देश का नमक’ के दर्जे को और भी मजबूत करते हुए, यह अभियान एक मनोरंजक और मधुर अंदाज़ में टाटा नमक की गुणवत्ता और भरोसे को उजागर करता है।
ओगिल्वी द्वारा परिकल्पित, इस कैंपेन में ज़िंदगी के रोज़मर्रा के पल दिखाए गए हैं – लोरी सुनाती हुई माँ, क्लासरूम में पढ़ाती हुई टीचर, या एक हँसता-खिलखिलाता परिवार, हर दृश्य में टाटा नमक एक अहम साथी के रूप में मौजूद है – ऐसा साथी जो सालों से हर भारतीय रसोई का हिस्सा रहा है।
एक फिल्म में स्कूल की टीचर बच्चों को आयोडीन का महत्व सिखाती हैं। वहीं दूसरी फिल्म एक चहल-पहल वाले घर की कहानी है, जहाँ हर पकवान और हर प्यार भरी बात में टाटा नमक मौजूद है। अपनी यादगार और सुरीली धुन के साथ, यह अभियान गर्व से टाटा साल्ट को ‘देश का नमक’ के रूप में प्रस्तुत करता है। आईपीएल के दौरान दिखाया जाने वाला यह अभियान देश के कोने-कोने में गूंजेगा और करोड़ों दिलों तक पहुँचेगा। इस कैंपेन के बारे में दीपिका भान, प्रेसिडेंट – पैकेज्ड फूड्स, टाटा कंज़्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड, कहती हैं, “यह पिछले साल के हमारे कैंपेन का एक स्वाभाविक और खूबसूरत विस्तार है। ‘देश का नमक’ सिर्फ एक जिंगल नहीं, बल्कि वह भरोसा है जो पिछले चार दशकों में गुणवत्ता और सच्चाई के साथ जुड़ा है। यह नया संस्करण उपभोक्ताओं से हमारे रिश्ते को और गहरा बनाएगा और उनकी खुशी और भरोसे के लिए ब्रांड की प्रतिबद्धता दोहराएगा।”
अनुराग अग्निहोत्री, चीफ क्रिएटिव ऑफिसर (मुंबई और कोलकाता), ओगिल्वी, ने कहा, “टाटा नमक यह बताना चाहता था कि आयोडीन से बच्चों का दिमाग़ तेज़ बनता है। लेकिन इतनी अहम बात लोगों तक कैसे पहुँचे? इसलिए हमने 80 के दशक की यादों को फिर से ज़िंदा किया – वह दौर जब हर बात एक जिंगल से यादगार बन जाती थी। हमने अपनी आयोडीन की कहानी को उसी लहज़े में सजाया और उसे जीवन के अलग अलग पहलुओं से दिखाया – चाहे वह एक विदाई हो, क्लासरूम हो या किटी पार्टी। यह हमारी तरफ़ से विज्ञापन के सुनहरे युग को लिखा गया एक प्रेम पत्र है – जिसे आज के दर्शकों के लिए गढ़ा गया है।” https://youtu.be/43olT6Pj6GY