पूजा में गुजलार रहा शहर पर ढाकिये के चेहरे पर छायी रही वीरानी

कोरोना काल की सामान्य स्थिति के मद्देनजर विभिन्न पूजा के आयोजन में सरकार द्वारा ढील दी जा रहे है। विश्वकर्मा पूजा धूम धाम से मनाई गयी पर  इस दौरान उम्मीदों के साथ यहाँ पहुंचे  ढाकिये को बैरंग घर लौटना पड़ा। इसका मुख्य कारण है कोरोना के कारण बड़े बड़े संगठनों,गैरेज व परिवहन संघों द्वारा इस वर्ष बड़े स्तर पर विश्वकर्मा पूजा का आयोजन नहीं किया गया । इन संगठनों की ओर से  सामान्य तरीके से इस वर्ष  पूजा का आयोजन किया गया।पूजा के दौरान  किसी तरह गाजे बाजे व ढाकिये का इंतजाम नहीं किया गया था। दूर दूर से आये ढाकिये दिन भर सड़क किनारे आयोजकों का इंजतार करते रहे। जिले के मानिकचक पुकुरिया, इंग्लिश बाजार सहित विभिन्न प्रखंडों से ढाकिये  हर बार विश्वकर्मा पूजा के दौरान ढोल बजाने के लिए पहुंचते हैं, पर इस बार उनकी उम्मीद पूरी नहीं हो सकीय। माणिकचक ब्लॉक के एक ढाकिया अशोक रविदास ने कहा कि उन्होंने सुबह एक पूजा में शिरकत थी और उन्हें 100 रुपये मिले थे। इसके बाद दोपहर तक  उन्हें कोई आर्डर नहीं मैला। उन्होंने कहा दुर्गा पूजा आ रही है।  अब तक उन्हें किसी आयोजकों से इस बारे में कोई आर्डर नहीं मिला।  वे चाहते हैं कि सरकार उनपर ध्यान दे। उन्होंने सरकार से पुजारियों के भत्ते के साथ-साथ ढाकिये के लिए भत्ते देने की मांग की । वहीं पुकुरिया प्रखंड एक ढाकिया कार्तिक रविदास ने बताया कि वह रथबाड़ी मोड़ में सुबह से बैठे हैं।  दिन भर में उन्हें एक भी आर्डर  नहीं  मिला।

By Editor

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *