विश्व बांग्ला खेल मैदान से सटा इलाका बन चुका है असामाजिक तत्वों का अड्डा , लाइट नहीं रहने से फैला रहता है अंधेरे का साम्राज्य 

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जलपाईगुड़ी (न्यूज़ एशिया ): कार्ला  नदी किनारे स्थित जलपाईगुड़ी विश्व बांग्ला खेल मैदान से सटा इलाका वर्तमान में असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है. विश्व बांग्ला खेल मैदान से सटा यह इलाका कभी लोगों का पसंदीदा जगह था,  लेकिन धीरे-धीरे खूबसूरती खोते जा रहा है। रात होते ही विश्व बांग्ला खेल मैदान से सटा जलपाईगुड़ी  का यह इलाका अंधेरे में डूब जाता है!  इस इलाके के गलियों में अंधेरा छा जाता हैं. .कभी कार्ला नदी की प्राकृतिक सुंदरता और ठंडी हवा जो हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देती है. वहां अब अंधेरा और गंदगी का साम्राज्य है। कार्ला  नदी के नजदीक एक तरफ शहर के कूड़े का ढेर लगा हुआ है, कूड़े के कारण पूरे इलाके में बदबू फैल रही है।

सिलीगुड़ी जलपाईगुड़ी विकास विभाग द्वारा कार्ला  के दोनों किनारों को भव्य रूप से सजाया गया था। वहाँ बैठने की जगह थी, धूप से बचाने के लिए विभिन्न आकार की छतरियों की व्यवस्था की गई थी, रात में अलौकिक सुंदरता फैलाने के लिए क्षेत्र में विदेशी लाइट लगाई गई थी। पहले दोपहर में इस इलाके में 8 वर्ष के बच्चे से  से 80 वर्ष के बुजुर्गों लोगों की भीड़ रहती थी। जलपाईगुड़ी के लोग कार्ला नदी की तरफ से आने वाली हवा से मंत्रमुग्ध हो जाते थे। यह एक नई लोकप्रिय जगह बन गई थी। लेकिन धीरे-धीरे शहर के कुछ शरारती तत्वों की करतूतों के कारण वे लाइटें बंद हो गईं। लाइटों को तोड़ देने के कारण अब यह इलाका अंधेरे में डूब गया है।

जैसे-जैसे रात होती है, यह असामाजिक गतिविधियों का अखाड़ा बन जाता है, इसलिए वहां बुजुर्ग या बच्चे नजर नहीं आते। हालांकि रात में जब इलाके में पुलिस की छापेमारी होती है तो कभी-कभी अप्रिय घटनाएं भी घट जाती हैं. स्थानीय निवासियों की मांग है कि प्रशासन इस क्षेत्र में दोबारा से सौन्दीकरण करे. कम से कम लाइट तो लगानी ही चाहिए। दूसरी ओर, जिला परिषद ने बार-बार जिले के लोगों को करला नदी या आसपास गंदा कचरा नहीं फेंकने की चेतावनी दी है। लेकिन लोग नहीं मान रहे है, जिससे यहां गन्दगी फ़ैल रही. सवाल यह है कि विश्व बांग्ला खेल मैदान से सटे इलाके की सौंदर्य कब वापस लौटेगा।