टाटा मोटर्स लिमिटेड और कमिंस इंक. यूएसए (USA) के 50:50 संयुक्त उपक्रम, टाटा कमिंस प्राइवेट लिमिटेड की पूर्व स्वामित्व की सब्सिडिएरी, टीसीपीएल जीईएस (TCPL GES) ने आज भारत में मध्यम और भारी वाणिज्यिक वाहनों के लिए हाइड्रोजन इंटरनल कम्बशन इंजन और अन्य कम से कम शून्य उत्सर्जन प्रौद्योगिकी उत्पादों का उत्पादन करने के लिए एक नई अत्याधुनिक विनिर्माण सुविधा का उद्घाटन किया। इस फैक्ट्री के उद्घाटन से भारत के लिए स्वच्छ एवं सस्टेनेबल भविष्य को प्रेरित करने के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता की पुष्टि होती है। जमशेदपुर में स्थित और लगभग सात एकड़ में फैली यह फैक्ट्री अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी और इंफ्रास्ट्रक्चर से लैस है। यह इनोवेशन, उत्पादन की उत्कृष्टता और पर्यावरणीय सस्टेनेबिलिटी के प्रति टाटा मोटर्स और कमिंस, दोनों की वचनबद्धता का प्रतीक है। समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर होने के एक साल के भीतर झारखण्ड राज्य में इस कारखाने का खुलना इन दोनों संगठनों की डीकार्बोनाइजेशन रणनीति को आगे बढ़ाने की ज़िम्मेदारी और लगातार प्रगति की पुष्टि करता है।
इस अवसर पर टाटा मोटर्स के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर, गिरीश वाघ ने कहा कि, “इस आधुनिक फैक्ट्री का उद्घाटन टाटा मोटर्स की राष्ट्र-निर्माण, इनोवेशन, और अनेक इंडस्ट्री-फर्स्ट रणनीतियों का उत्कृष्ट प्रमाण है। यहां उत्पादित हाइड्रोजन पावरट्रेन ऐग्रिगेट्स और सिस्टम्स, भारत में स्मार्ट मोबिलिटी और हरित पर्यावरण को बढ़ावा देंगे। हम एक बेहतर कल बनाने के लिए अपने ग्राहकों के प्रति वचनबद्ध हैं और हम उनको कार्गो और पीपल मोबिलिटी के लिए एमिशन फ्री एवं व्यावसायिक रूप से कमर्शियली वायबल सोल्यूशंस को अपनाने में सहयोग करते रहेंगे। इस अवसर पर कमिंस ग्रुप इन इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर, अश्वथ राम ने कहा कि, “कमिंस हमेशा से सही टेक्नोलॉजी पेश करने में यकीन करता रहा है, जो हमारे ग्राहकों को सफलता प्रदान करती हैं। डीकार्बोनाइजेशन को आगे बढ़ाने वाले लो-जीरो एमिशन्स वाली टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स के प्रति हमारी वचनबद्धता केवल एक वादा नहीं है; हमारे लिए यह एक जिम्मेदारी है जिसे हमने सहर्ष स्वीकार किया है। हमारी वैश्विक विशेषज्ञता, रणनीतिक साझेदारी, और तकनीकी क्षमताओं के आधार पर, हम अपनी डेस्टिनेशन जीरो रणनीति पर लगातार प्रगति कर रहे हैं।”
टाटा मोटर्स और कमिंस के बीच भारत में अपने संयुक्त उपक्रम, टाटा कमिंस प्राइवेट लिमिटेड (टीसीपीएल) के माध्यम से 30 साल पुरानी मजबूत साझेदारी है। टीसीपीएल की सहायक कंपनी, टीसीपीएल जीईएस का गठन भारत में वाणिज्यिक वाहनों के लिए लो-ज़ीरो एमिशन्स प्रोपल्शन टेक्नोलॉजी सोल्यूशंस की डिजाईन और विकास पर सहयोग के लिए मार्च 2023 में किया गया था। इन टेक्नोलॉजी और सोल्यूशंस को अलग-अलग तरह के ऐप्लीकेशंस में इस्तेमाल किया जाएगा और ये स्थायी पावरट्रेन सोल्यूशंस को विकसित करने में निर्णायक भूमिका निभायेंगे। इससे ग्रीनहाउस गैस एमिशन को कम करने, वायु की गुणवत्ता बढ़ाने और भारत की नेट-ज़ीरो महत्वाकांक्षाओं के समर्थन करने में मदद मिलेगी। जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक संसाधन का प्रयोग और समुदायों की बेहतरी पर ध्यान देने के लिए पर्यावरणीय नजरिये के साथ, एक दीर्घकालीन व्यावसायिक रणनीति के रूप में प्लैनेट 2050 एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है। इस लक्ष्य के अनुरूप सस्टेनेबिलिटी के प्रति कमिंस का समर्पण न केवल इसके द्वारा निर्मित उत्पादों से, बल्कि इसकी फैक्ट्रियों के परिचालनों से भी साबित होता है। नई फैक्ट्री बनाने के दौरान सस्टेनेबल पद्धतियों को प्राथमिकता दी गई, जिनमें इको-फ्रेंडली सामग्रियों का उपयोग, एनर्जी एफिशिएंट प्रणालियों और वेस्ट रिडक्शन करने वाले उपायों का इस्तेमाल शामिल है।