प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय रणनीतिक निवेशक टीसीजी ने टेक्सटाइल्स के क्षेत्र में कदम रखा

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गार्डन सिल्क मिल्स प्राइवेट लिमिटेड (जीएसएमपीएल) में 1250 करोड़ रूपये के एफडीवाय यार्न एक्सपांशन प्रोजेक्ट से टेक्सटाइल सेक्टर में तेजी से वृद्धि की शुरुआत हुई है। यह प्रोजेक्ट द चटर्जी ग्रुप (टीसीजी) द्वारा इसके दूरदर्शी चेयरमैन डॉ. पूर्णेन्दु चटर्जी के संचालन में हो रहा है। जोलवा में इसकी अत्याधुनिक फैक्ट्री उच्च गुणवत्ता के पॉलिएस्टर चिप्स, पीओवाय, एफडीवाय और दूसरे स्पेशियल्टी यार्न्स बनाती है। मशहूर गार्डन वरेली ब्राण्ड के पास साडि़यों और ड्रेस मटेरिल्स का एक आधुनिक कलेक्शन भी है। चटर्जी ग्रुप का पूरी दुनिया में 8 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश है और यह सचमुच ‘गार्डन ऑफ टुमारो’बना रहा है।एमसीपीआई के पूर्णकालिक निदेशक एवं सीईओ डी. पी. पात्रा ने कहा, ‘‘एमसीपीआई और जीएसएमपीएल में हम टीसीजी के चेयरमैन डॉ. पूर्णेन्दु चटर्जी का टेक्सटाइल को लेकर बड़ा सपना साकार करने के लिये प्रतिबद्ध हैं।’’टेक्सटाइल में कदम रखकर टीसीजी का लक्ष्य आने वाले वर्षों में पीटीए-पॉलिएस्टर डाउनस्ट्रीम सेगमेंट की महत्वपूर्ण कंपनी बनना है। टेक्सटाइल्स में जबर्दस्त वृद्धि करने के लिये टीसीजी की सोच के अनुरूप जीएसएमपीएल और एमसीपीआई, दोनों ही आगामी वर्षों में पॉलिएस्टर के विभिन्न सेगमेंट्स में अपनी मौजूदगी बढ़ाना चाह रहे हैं। जीएसएमपीएल के यार्न बिजनेस को सहयोग देने लिये एमसीपीआई लगातार प्रतिस्पर्द्धी दामों पर अच्छी गुणवत्ता के पीटीए की आपूर्ति कर रही है। फिलहाल उद्योग में यह भारी गिरावट पर है। एफडीवाय यार्न की नई सुविधाओं में बड़े निवेश किये गये हैं और संयंत्र के लिये 220 केवीए बिजली का कनेक्शन लिया गया है, ताकि व्यवसाय परिचालन बढ़ सके। इसके अलावा, कंपनी ने मिश्रित नवीकरण-योग्य बिजली में निवेश किया है, ताकि पूरा कार्बन फुटप्रिंट कम हो। नवीकरण-योग्य बिजली के मामले में और भी बेहतरी जारी है।

जीएसएमपीएल को प्रतिदिन 272 टन की क्षमता वाले फुली ड्रॉन यार्न (एफडीवाय) संयंत्र की सफल शुरूआत पर आज गर्व है। अत्याधुनिक ओर्लिकोन बार्माग विंग्स+ मशीनें  निटिंग, वीविंग और साइजिंग के कामों के लिये ‘श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ’ एफडीवाय बनाएंगी। कंपनी भविष्य में विभिन्न जगहों पर इंडस्ट्रीयल यार्न और जियोटेक्सटाइल की सुविधाएं स्थापित करने की योजना भी बना रही है। डॉ. पूर्णेन्दु चटर्जी की सोच और नेतृत्व में टीसीजी के पोर्टफोलियो में तरह-तरह के उत्पाद शामिल हैं। इसके कारोबार ने दुनिया भर में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रखी है। इसने एक रणनीतिक निवेशक के तौर पर लगभग 8 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश का शानदार ट्रैक रिकॉर्ड बनाया है। यह निवेश यूएसए, यूरोप और दक्षिण एशिया में विभिन्न बिजनेस सेक्टर्स में हुआ है, जैसे कि पेट्रोकेमिकल्स, लाइफ साइंसेस, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, रियल एस्टेट, केमिकल कंपनियों के लिये टेक्नोलॉजी, फिन-टेक, आदि।

ज्ञान और सीख के लिये डॉ. पूर्णेन्दु चटर्जी की लगन के चलते सेंटर फॉर रिसर्च एण्ड एज्युकेशन इन साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी (क्रेस्ट) की स्थापना का रास्ता बना है। यह विश्व-स्तरीय शोध संस्थान है, जो मानवीय प्रतिभा की वास्तविक क्षमता सामने लाता है। यह संस्थान तीन ‘के’ को समर्पित है: नॉलेज क्रियेशन, नॉलेज ऐप्लीकेशन और नॉलेज डिसेमिनेशन। इसे क्वांटम कंप्यूटिंग, बैटरीज एवं सुपर कैपेसिटर्स, ट्रांसलेशन न्यूरोसाइंस, गणित में ट्रांसलेशनल रिसर्च, क्रिप्टोलॉजी और फूड टेक्नोलॉजी में रिसर्च जैसे क्षेत्रों में ज्ञान एवं नवाचार को उन्नत करने में विशेषज्ञता प्राप्त है। द चटर्जी ग्रुप (टीसीजी) ने कई सेक्टर्स में प्रगतिशील तरीके से बढ़ते हुए संभावना के संशय वाले बाजारों में अपनी कुशलता को साबित किया है। उसने विभिन्न उद्योगों में तरक्की और नवाचार के मौकों का फायदा भी उठाया है। ज्ञान-सृजन के लिये द चटर्जी ग्रुप के निरंतर प्रयासों से उसका हर व्यक्ति सशक्त होता है और खुद को लगातार तरक्की के लिये समर्पित करता है। इस प्रकार आने वाले वर्षों में स्थायी रूप से महत्व बढ़ाते हुए व्यवसाय के विभिन्न अनुभागों में मौजूदगी को बढ़ाकर भारी वृद्धि होगी।