टाटा टी गोल्ड की फेस्टिव एडिशन सीरीज़

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दुर्गा पूजा में पूरा पश्चिम बंगाल राज्य उत्साह और ख़ुशी से झूम उठता है। अपने उपभोक्ताओं की खुशियों को चारचांद लगाते हुए पश्चिम बंगाल का पसंदीदा टी ब्रांड टाटा टी गोल्ड प्रस्तुत कर रहा है १५ फेस्टिव एडिशन पैक्स की एक विशेष सीरीज़, जो बंगाल के कारीगरों और कलाकारों द्वारा निर्मित, समृद्ध शिल्पोकला से प्रेरित हैं।अपने फेस्टिव पैक डिज़ाइन्स के ज़रिए टाटा टी गोल्ड पश्चिम बंगाल के कारीगरों की उत्कृष्ट कला को सम्मानित कर रहा है।

टाटा टी गोल्ड के इन लिमिटेड एडिशन पैक्स बेरहामपुर, मुर्शिदाबाद से शोला आर्ट, डोकरा आर्टिसन विलेज, पुरभा बर्धमान से डोकरा आर्ट, पंचमुरा, बांकुरा से टेराकोटा आर्ट, नया, पिंगला और पछिम मेदिनीपुर से कालीघाट आर्ट और पुतुलपट्टी, घुरनि और कृष्णनगर की कृष्णनगर मिट्टी की गुड़ियां से प्रेरणा लेता है। षष्ठी से दशमी तक पूजो के ५ विशेष दिनों की खुशियों और पर्व के महत्त्व को इनमें दर्शाया गया है। नए दुर्गा पूजो कैम्पेन के बारे में टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के प्रेसिडेंट – पैकेज्ड बेवरेजेस (भारत और दक्षिण एशिया) श्री. पुनीत दास ने बताया, ” दुर्गा पूजो के पर्व को पूरे पश्चिम बंगाल में बहुत ही उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। इस क्षेत्र के एक सबसे पसंदीदा टी ब्रांड होने के नाते हमें गर्व है कि हम यहां के लोगों और स्थानीय संस्कृति को बखूबी समझते हैं। दुर्गा पूजो के लिए हमारे नए कैम्पेन को बंगाल के कला प्रकारों को सम्मानित करने के लिए बनाया गया है, यह कला प्रकार पूजो के साथ भी बहुत ही करीब से जुड़े हुए हैं।”

ट्री डिज़ाइन के को-फाउंडर, श्री अर्नब चटर्जी ने कहा, “दुर्गा पूजो में सबसे महत्वपूर्ण होती हैं मूर्तियां जो स्थानीय कलाकार बनाते हैं। मूर्तियों को बनाने की यह कला कई पीढ़ियों से परंपरा के रूप में आगे बढ़ रही है। २०२२ में टाटा टी गोल्ड दुर्गा पूजा पैक के लिए हमने इस परंपरा को अपनी प्रेरणा माना। हमने पश्चिम बंगाल के गाँव-गाँव तक जाकर कलाकारों और शिल्पकारों की खोज की, जो अपनी कला के ज़रिए दुर्गा पूजो के उत्साह और महिमा को साकार कर सकते थे। आखिरकार पांच कला प्रकारों को चुना गया, मिट्टी की गुड़ियां, शोला, टेराकोटा, कालीघाट और डोकरा। जीनके हुनर को हम टाटा टी गोल्ड फेस्टिव सीरीज़ पैक्स के ज़रिए पूरी दुनिया के सामने रख सकते थे।”