टाटा साल्ट ने विश्व आयोडीन अल्पता दिवस मनाया: स्वस्थ भविष्य की ओर एक यात्रा

भारत में आयोडीनयुक्त नमक के अग्रणी निर्माता टाटा सॉल्ट ने विश्व आयोडीन अल्पता दिवस (WIDD) के अवसर पर, देशभर के बच्चों में आयोडीन की कमी से होने वाले विकारों (IDD) से निपटने की प्रतिबद्धता दोहरायी है। देश के पहले नेशनल ब्रांडेड आयोडाइज़्ड सॉल्ट के रूप में, टाटा सॉल्ट आम जन को आयोडीन के महत्व के बारे में जागरूक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आयोडीन, खासतौर से आरंभिक बाल्यावस्था के दौरान, मानसिक विकास के लिए आवश्यक सूक्ष्मपोषक तत्व है। टाटा सॉल्ट 1983 से देश में आयोडीन की कमी से निपटने की दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है, और इस सफर में यह लाखों भारतीय परिवारों के लिए भरोसेमंद ब्रैंड बन चुका है। अपनी गुणवत्ता के लिए पहचान बना चुके टाटा सॉल्ट ने आयोडीनयुक्त नमक को देशभर में सुलभ बनाकर आम जन के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। महत्वपूर्ण ब्रैंड के रूप में, टाटा सॉल्ट यह सुनिश्चित करने की दिशा में लगातार काम कर रहा है कि देशभर में बच्चों को उचित मात्रा के साथ आयोडीनयुक्त नमक उपलब्ध हो। भारत के आयोडीन सर्वे 2018-19 से यह पता चला था कि देश की केवल 55% आबादी को ही आयोडीनयुक्त नमक से मिलने वाले लाभ की जानकारी है, और टाटा सॉल्ट स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में आयोडीन की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है।

दीपिका भान, प्रेसीडेंट, पैकेज्ड फूड्स – इंडिया, टाटा कंज़्यूमर प्रोडक्ट्स, का कहना है, “टाटा सॉल्ट में, हम आयोडीन की कमी से जुड़ी स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए आयोडीनयुक्त नमक उपलब्ध कराने के लिए समर्पित हैं। हमारे ब्रैंड की गुणवत्ता पिछले अनेक वर्षों से विरासत में चली आ रही है और भविष्य में भी अनवरत गुणवत्ता से युक्त नमक उपलब्ध कराने के लिए कृत संकल्प है, जिस पर लाखों परिवारों का भरोसा है। यह भरोसा लोगों की सेहत के लिए नवाचार और समाधान के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के जरिए मजबूत होता है। विश्व आयोडीन अल्पता दिवस के मौके पर, हम आयोडीन की कमी से होने वाले विकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के महत्व को दोहरा रहे हैं और सभी को इस सार्थक बदलाव लाने के अभियान से जुड़ने तथा सेहतमंद भविष्य के लिए योगदान करने के लिए आमंत्रित करते हैं।”

भारत के सामने भी, अन्य कई विकासशील देशों की तरह, सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी बहुत-सी चुनौतियाँ हैं, जैसे कि खासतौर पर बढ़ते बच्चों में ‘छिपी भुखमरी’। ये समस्याएं कई आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों जैसे कि आयोडीन, आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन ए, ज़िंक आदि की कमी के कारण पैदा होती हैं, और इनसे बच्चों के विकास पर असर पड़ता है। आयोडीन, खासतौर से ऐसा आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व है जो सामान्य विकास, थायरायड की कार्यप्रणाली और मस्तिष्क विकास के लिए जरूरी है। टाटा सॉल्ट आयोडीन की कमी से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता के लिए समर्पित है और यह सुनिश्चित करने के अभियान में जुटा है कि आयोडीनयुक्त नमक को हर घर पहुंचना चाहिए। आयोडीन की कमी से होने वाले विकारों (IDD) में कमी लाने और परिवारों को अपनी सेहत के बारे में पूर्ण जानकारी एवं निर्णय लेने के लिए सशक्त बनाने वाले ये प्रयास निश्चित ही धीरे-धीरे, एक नमक कण की तरह, अधिक स्वस्थ और अधिक लचीले भारत का निर्माण करेंगे।

By Business Bureau