धूमकेतु नामक संगठन कठपुतली नृत्य (बोलती गुड़िया) के माध्यम से लोगों में विभिन्न विषयों पर जागरूकता अभियान चला रहा है। कोलकाता से जलपाईगुड़ी पहुंची धूमकेतु की टीम शहर के विभिन्न स्थानों में अलग अलग विषयों पर लोगों को जागरूक कर रही है । गौरतलब है सर्दियों में गांवों में कठपुतली नृत्य अब इतिहास बन गया है। लेकिन यह कला कहीं कहीं आज भी जिंदा है। आमतौर पर इसे बात करने वाली गुड़िया के रूप में जाना जाता है। धूमकेतु पापेट्री ग्रुप के डॉयरेक्टर दिलीप मंडल ने कहा जलपाईगुड़ी में विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक स्थानों पर कठपुतली नृत्य (बोलती गुड़िया )के जरिये विभिन्न मुद्दों के बारे में लोगों में जागरूकता संदेश फैलाया जा रहा है।
पारम्परिक कठपुतली नृत्य तो आज नहीं रहा, उसकी जगह इस बात करनेवाली कठपुतली ने काफी लोकप्रियता हासिल कर ली है। धूमकेतु समूह स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर बंगाल के विभिन्न हिस्सों में इन बोलती गुड़ियों के साथ काम कर रहा है।