![Members of a Taliban delegation leave after peace talks with Afghan senior politicians in Moscow](https://i0.wp.com/purbottarhindi.com/wp-content/uploads/2021/09/Taliban_aug2220210822160700.jpg?resize=600%2C450&ssl=1)
अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की वापसी के साथ ही तालिबान ने अफगानिस्तान में नई सरकार के गठन की तैयारी लगभग पूरी कर ली है। जल्द ही इसका एलान संभव है। ... हमारी नई इस्लामिक सरकार दुनिया के लिए मॉडल बनेगी। नई सरकार में मुल्ला हिब्तुल्लाह अखुंदजादा अफगानिस्तान का नया सर्वोच्च नेता हो सकता है।
तालिबान के वरिष्ठ नेता अहमदुल्लाह मुत्तक़ी ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी है कि काबुल के राष्ट्रपति भवन में एक समारोह की तैयारी हो रही है.
तालिबान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पिछले दिनों समाचार एजेंसी से कहा था कि तालिबान के सर्वोच्च नेता मुल्ला हिब्तुल्लाह अख़ुंदज़ादा के नेतृत्व में एक शासकीय परिषद का गठन हो सकता है जिसके प्रमुख राष्ट्रपति होंगे.
मुल्ला हिब्तुल्लाह के तीन उप-प्रमुख हैं. वो हैं तालिबान संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे मौलवी याक़ूब, शक्तिशाली हक़्क़ानी नेटवर्क के प्रमुख सिराजुद्दीन हक़्क़ानी और तालिबान के संस्थापक सदस्यों में से एक अब्दुल ग़नी बरादर.
तालिबान ने पिछली बार 1996 से 2001 तक के अपने शासनकाल में ऐसी ही एक परिषद के सहारे शासन किया था जो निर्वाचित नहीं हुई थी.
तब तालिबान सरकार ने बर्बरता से अफ़ग़ानिस्तान में शरीयत क़ानूनों को लागू करवाया था.
2001 में अमेरिकी अगुआई में गठबंधन सेना के अफ़ग़ानिस्तान पर हमले के बाद तालिबान सत्ता से बाहर हो गए थे और उसके अधिकतर नेताओं को निर्वासित होना पड़ा था.
20 साल बाद तालिबान ने फिर से अफ़ग़ानिस्तान पर नियंत्रण कर लिया है और उसके अधिकतर नेता देश लौट चुके हैं.