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Oct
कूचबिहार शहर के पास तोर्षा नदी के तट पर एक मुस्लिम परिवार तीन पीढ़ियों से रास उत्सव में काम आने वाले रासचक्र बनाता आ रहा है। रविवार को लक्ष्मी पूर्णिमा के दिन उपवास रहकर अल्ताफ ने रसचक्र बनाने का काम शुरू किया। उल्लेखनीय है कि महाराजा नृपेंद्रनारायण ने १८९३ में बैरागी दिघी के तट पर मदनमोहन मंदिर का निर्माण कराया गया था। हर साल रास पूर्णिमा के दिन यहाँ रात उत्सव शुरू होता है। पहले राजा रासचक्र को घुमाकर रास उत्सव की शुरुआत करते थे। अब देवत्र ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष और कूचबिहार के जिलाधिकारी इस उत्सव का उद्घाटन करते हैं। यह रासचक्र हिंदू, मुस्लिम और बौद्ध…