कोलकाता का रियल एस्टेट अब सिर्फ घरों तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि लोगों की जरूरतों और लाइफ़स्टाइल के हिसाब से बदल रहा है। अब शहर में एक नई सोच उभर रही है – सीनियर लिविंग यानी ऐसे घर जो खास तौर पर बुजुर्गों की सुविधा और जीवनशैली को ध्यान में रखकर बनाए जा रहे हैं। पश्चिम बंगाल देश के उन राज्यों में है जहाँ जन्म दर कम और बुजुर्ग आबादी तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में शहर के कई वरिष्ठ नागरिक अब ऐसे घर चाहते हैं जहाँ उन्हें सुरक्षा, साथ और आत्मनिर्भर जीवन मिल सके।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में सीनियर लिविंग प्रोजेक्ट्स का बाज़ार अगले कुछ सालों में तेज़ी से बढ़ेगा। कोलकाता इस ट्रेंड का अहम हिस्सा बनता जा रहा है। हालाँकि इस साल शहर में घरों की बिक्री में 10% की गिरावट आई है, लेकिन रिवरफ्रंट और सीनियर लिविंग प्रोजेक्ट्स की माँग अब भी बनी हुई है। इससे साफ है कि अब लोग सिर्फ घर नहीं, बल्कि एक उद्देश्यपूर्ण और शांत जीवनशैली चाहते हैं।
इसी सोच को ध्यान में रखते हुए सृजन रियल्टी लेकर आया है प्रिमस गंगेस – गंगा नदी के किनारे बना कोलकाता का पहला प्रीमियम सीनियर लिविंग प्रोजेक्ट। इसे बटानगर स्थित सृजन गंगा सिटी टाउनशिप में विकसित किया जा रहा है। यह परियोजना सृजन रियल्टी और भारत की प्रमुख सीनियर लिविंग कंपनी *प्रिमस लाइफस्पेसेज़* की साझेदारी में बनाई जा रही है। इसका उद्देश्य है – बुजुर्गों को ऐसा घर देना जहाँ देखभाल, सुरक्षा और शांति तीनों एक साथ मिलें। सृजन रियल्टी के निदेशक केशव अग्रवाल ने कहा, “हम सीनियर लिविंग को सिर्फ ‘ओल्ड एज होम’ की तरह नहीं देखना चाहते। प्रिमस गंगेस के ज़रिए हम एक नई सोच लाना चाहते हैं, जहाँ बुजुर्ग आत्मनिर्भर, खुश और समुदाय से जुड़े रहें।”
