भारत की खेल अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और समावेशी विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय , स्पोर्ट्स, फिजिकल एजुकेशन, फिटनेस एंड लेज़र स्किल्स काउंसिल (एसपीएफईएल-एससी) तथा ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट (बीएटी) ने “स्पोर्टएज मेरठ” – स्पोर्ट्स एंड एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट फॉर ग्रोथ एंड एक्सीलेंस पर आधारित एक वर्कशॉप की घोषणा की और उसे सफलतापूर्वक आयोजित किया। यह वर्कशॉप मेरठ को भारत के मॉडल स्पोर्ट्स हब के रूप में विकसित करने की दिशा में एक प्रमुख पहल है।
इस पहल का उद्देश्य मेरठ की समृद्ध खेल विरासत का उपयोग करते हुए आर्थिक विकास को गति देना, कौशल-आधारित आजीविकाओं को प्रोत्साहित करना और विशेष रूप से महिलाओं एवं युवाओं में स्थानीय प्रतिभा को संवारना है। एसपीएफईएल-एससी इस कार्यक्रम को क्षेत्रीय कौशल आवश्यकताओं, उद्योग साझेदारी और मानकों के अनुरूप स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जबकि कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय केंद्र और राज्य के विभिन्न मंत्रालयों, उद्योग संगठनों तथा खेल संघों के साथ समन्वय स्थापित कर इस पहल में समन्वय और विस्तार सुनिश्चित करेगा।
वर्कशॉप में सरकार, उद्योग, वित्त और विकास क्षेत्रों से जुड़े अनेक हितधारकों ने भाग लिया, जो एक सशक्त और समावेशी खेल अर्थव्यवस्था के निर्माण की साझा दृष्टि रखते हैं। प्रतिभागियों में एशियन डेवलपमेन्ट बैंक (एडीबी), वर्ल्ड बैंक, ओएनजीसी फाउंडेशन, माइक्रोसॉफ्ट, अमेरिकन इंडिया फ़ाउंडेशन और एसबीआई फ़ाउंडेशन सहित कई प्रतिनिधि शामिल थे। वित्त, कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी, टेक्नोलॉजी, रिसर्च तथा जमीनी स्तर के विकास में उनकी विविध विशेषज्ञता ने विचार-विमर्श को अत्यंत समृद्ध बनाया। सभी ने संयुक्त रूप से यह रेखांकित किया कि स्पोर्टएज मेरठ खेल, कौशल और उद्यमशीलता को एकीकृत कर विकास एवं सशक्तिकरण का एक राष्ट्रीय मॉडल बनकर उभरने की प्रबल क्षमता रखता है।
