भारत-बांग्लादेश सीमा पर गत 21 मार्च को 10 सोने के बिस्किट के साथ पकड़े गए तस्कर सुमन मंडल ने बीएसएफ जवानों पर और 10 सोने के बिस्किट छीनने के आरोप लगाए थे। हालांकि बाद में जांच पड़ताल और तलाशी अभियान के दौरान पता चला कि उसने अपने खेत में बाकी के सोने के बिस्किट छिपा रखे थे और बीएसएफ जवानों को फंसाने के लिए झूठ बोल रहा था। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल के प्रवक्ता ने शनिवार सुबह इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि 21 मार्च को सुमन मंडल को 10 सोने के बिस्किट के साथ पकड़ा गया था और सोना सहित तस्कर को वनगांव कस्टम विभाग के हवाले कर दिया गया था।
वहां पूछताछ में उसने बताया था कि बांग्लादेश से वह 20 सोने का बिस्किट लेकर आया था लेकिन बीएसएफ के जवानों ने 10 बिस्किट अपने पास रख लिए और बाकी 10 सोने के बिस्किट के साथ उसे कस्टम विभाग को सौंप दिया है। कस्टम अधिकारियों ने जब इस संबंध में बीएसएफ जवानों से संपर्क साधा तो जवान काफी चिंतित हो गए और सुमन मंडल की तस्करी वाले रूट पर तलाशी अभियान शुरू की गई। बाद में सुमन मंडल के खेत के अंदर 10 सोने के बिस्किट एक प्लास्टिक में सेलो टेप के जरिए चिपका कर छिपाए हुए मिले।
उसे बरामद कर कस्टम विभाग को सौंप दिया गया है। बाद में उसने स्वीकार किया कि बीएसएफ जवानों को फसाने के लिए उसने झूठी कहानी गढ़ी थी। बीएसएफ की 107 वीं बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर सुनील कुमार ने बताया कि बीएसएफ जवान सीमा पर ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं। तस्करी में लिप्त अपराधियों को लगातार धर पकड़ कर रहे हैं इसलिए जवानों का मनोबल तोड़ने के लिए झूठी कहानियां भी गढ़ी जा रही हैं। लेकिन इससे बीएसएफ की कार्रवाई पर कोई असर नहीं होगा और तस्करों के खिलाफ लगातार अभियान जारी रहेगा।