कौशल पहल और साझेदारी हमारी आबादी को 21वीं सदी के जॉब मार्केट के लिए तैयार करेगी: धर्मेंद्र प्रधान

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भारत के कौशल प्रयासों को और अधिक मजबूत करते हुए, भारत सरकार के माननीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज देश के स्किल ईकोसिस्टम में स्पीड और स्केल लाने के लिए कई स्ट्रेटेजिक साझेदारियों की घोषणा की। प्रमुख घोषणाओं में इन्डस्ट्री पार्टनर, शिक्षाविदों और सरकारी विभागों के साथ स्ट्रेटेजिक साझेदारी, भुवनेश्वर में स्किल डेवलपमेन्ट इन्स्टीट्यूट (एसडीआई) में मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में दो सेन्टर ऑफ़ एक्सीलेन्स (सीओई) का उद्घाटन, एनआईएमआई द्वारा मॉक टेस्ट एप्लिकेशन 2.0 का शुभारंभ और आईटीआई और एनएसटीआई उम्मीदवारों के लिए चार नए युग के पाठ्यक्रमों की शुरूआत शामिल है। इसका उद्देश्य उद्योग की आवश्यकताओं और कौशल विकास पहलों के बीच गैप को पाटना है, साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि भारत का युवा कार्यबल प्रतिस्पर्धी बना रहे और उभरते ट्रेन्ड्स के अनुकूल हो।

एनसीवीईटी के चेयरमैन डॉ. निर्मलजीत सिंह कलसी, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के सेक्रेटरी श्री अतुल कुमार तिवारी, डिपार्टमेंट ऑफ फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन के सेक्रेटरी श्री संजीव चोपड़ा, डीजीटी-एमएसडीई की डीजी श्रीमती त्रिशालजीत सेठी, एमएसडीई की ज्वॉइन्ट सेक्रेटरी श्रीमती सोनल मिश्रा, एमएसडीई की ज्वाइन्ट सेक्रेटरी श्रीमती हेना उस्मान, एनएसडीसी के सीईओ और एनएसडीसी इंटरनेशनल के एमडी श्री वेद मणि तिवारी भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। एमएसडीई ने अपने विभिन्न विभागों के साथ 19 एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। एक एमओयू प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) के नेतृत्व में है। राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (निस्बड) द्वारा 3 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तहत 5 एमओयू, पीएम विश्वकर्मा के तहत एक एमओयू और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के माध्यम से 9 एमओयू हैं। निजी क्षेत्र और साथी मंत्रिस्तरीय विभागों के साथ ये साझेदारियाँ भारत को ‘कुशल भारत-विकसित भारत’ में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी, जहां युवा न केवल घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों की मांगों को पूरा करने के लिए सुसज्जित होंगे बल्कि वैश्विक स्तर पर नेतृत्व और इनोवेशन भी करेंगे। स्किलिंग, री-स्किलिंग और अप-स्किलिंग एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए फ्यूचरिस्टिक इंस्ट्रूमेन्ट बनाने के लिए सभी स्टेकहोल्डर्स को एक साथ आने के लिए बधाई देते हुए, माननीय केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “ये कौशल पहल और साझेदारी हमारी आबादी को 21वीं सदी के जॉब मार्केट के लिए तैयार करेंगी, उन्हें इनोवेटर्स और उद्यमियों के रूप में आगे बढ़ने में मदद करेंगी और आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने में भी योगदान देंगी।

इस बीच, दोनों सीओई युवाओं को इन्डस्ट्री-रेडी कौशल से लैस करेंगे, उन्हें रोजगार योग्य बनाएंगे, आजीविका बढ़ाएंगे और उद्यमशील लोगों को उद्यमी बनने में सक्षम बनाएंगे। कार्यक्रम के दौरान, मंत्री ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर सिक्योरिटी में क्राफ्ट्समैन ट्रेनिंग स्कीम (सीटीएस) के तहत 12 भाषाओं और चार नए युग के पाठ्यक्रमों में एनआईएमआई द्वारा मॉक टेस्ट 2.0 भी लॉन्च किया, जोकि भारत के युवाओं को टेक्नोलॉजी ड्रिवन मार्केट के लिए तैयार करेगा।