10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह के अवसर पर, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय तथा इसके सहयोगी संगठनों ने विभागीय अधिकारियों के साथ मिलकर कौशल भवन, नई दिल्ली में सुबह 6:00 बजे से एक वाइब्रेंट योगा कैंप का आयोजन कर लोगों को योग अपनाने के लिए प्रेरित किया। “योगा फॉर सेल्फ एंड सोसायटी” विषय पर केंद्रित इस कार्यक्रम में व्यक्तिगत स्वास्थ्य को बढ़ाने और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने में योग की परिवर्तनकारी शक्ति को रेखांकित किया गया। इस अवसर पर कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयन्त चौधरी ने अपने आधिकारिक ट्वीट में एमएसडीई की उपलब्धि साझा की, जिसमें उन्होंने बताया कि स्किल इंडिया मिशन के तहत अब तक 1.35 लाख से अधिक योग प्रशिक्षकों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित और प्रमाणित किया गया है, जिससे व्यक्तियों को बहुमूल्य कौशल प्राप्त हुए हैं और पूरे देश में स्वास्थ्य को बढ़ावा मिला है। उन्होंने आगे कहा कि यह पहल प्रोफेशनल योगा ट्रेनिंग के माध्यम से हेल्थ और फिटनेस को बढ़ाने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को बढ़ावा देती है। (https://rb.gy/s08qoa)
योग प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करने वाले शीर्ष राज्यों में उत्तर प्रदेश 31,018 सर्टिफाइड उम्मीदवारों के साथ सबसे आगे है। इसके ठीक बाद तमिलनाडु है जहां 30,952 सर्टिफाइड प्रशिक्षक हैं। महाराष्ट्र भी 26,743 उम्मीदवारों के साथ उच्च स्थान पर है। अन्य उल्लेखनीय राज्यों में पंजाब (11,381 सर्टिफाइड ,ट्रेनर्स), हरियाणा (7,000), तथा बिहार (3,701 सर्टिफाइड अभ्यर्थी) शामिल हैं। इन राज्यों ने देश भर में योग प्रशिक्षण के विकास और प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी ने कहा, “10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर, हम एक प्राचीन प्रथा का जश्न मना रहे हैं जो हमारे माननीय प्रधानमंत्री के सामंजस्यपूर्ण और स्वस्थ राष्ट्र के विज़न के साथ पूरी तरह से मेल खाती है। हेल्थ और वैलनेस हमारे मंत्रालय का मुख्य विषय है, जो आधुनिक समाज में इन क्षेत्रों के बढ़ते महत्व को दर्शाता है।
एमएसडीई ने हेल्थ और वैलनेस में प्रशिक्षित पेशेवरों की बढ़ती मांग को पहचाना है, और इसके जवाब में कोर्सेज़ की एक श्रृंखला विकसित की है जो शिक्षार्थियों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है। ये कोर्सेज़ हेल्थ और वैलनेस के विभिन्न पहलुओं को कवर करते हैं, जिसमें योग और फिटनेस प्रशिक्षण भी शामिल है। योग केवल व्यायाम का एक रूप नहीं है, बल्कि आंतरिक शांति की खोज और समग्र विकास प्राप्त करने की दिशा में एक गहन यात्रा है।” इस वर्ष की थीम, ‘योगा फॉर सेल्फ एंड सोसायटी’, व्यक्तिगत स्वास्थ्य को पोषित करने और सामाजिक एकता को बढ़ावा देने में योग के दोहरे लाभों को दर्शाता है। योग को अपनाकर हम एक स्वस्थ, अधिक जुड़ी हुई दुनिया का निर्माण कर सकते हैं। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है। इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2014 में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्ताव के बाद की गई थी। तब से यह दिन एक वैश्विक दृश्य बन गया है, जो अधिक स्वस्थ और सामंजस्यपूर्ण विश्व के निर्माण के लिए योग की प्राचीन पद्धति को बढ़ावा देता है।