राज्य विधानसभा विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरजी कर कांड पर अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया है जिसमें उन्होंने आरजी कर प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के पोस्टमार्टम को लेकर नया खुलासा किया है। लेडिज डॉक्टर का पोस्टमार्टम तीन लोगों ने किया था, जिसमें फॉरेंसिक टीम में अपूर्वा विश्वास भी शामिल है. उनको सीबीआई ने पूछताछ के लिए बुलाया था. पूछताछ करने के बाद उसने पत्रकारों के सामने एक बड़ा ही सनसनीखेज खुलासा किया है. अपूर्वा विश्वास ने बताया है कि पोस्टमार्टम करने वाले सदस्यों को धमकी दी गई थी कि शाम तक ही पोस्टमार्टम पूरा करना होगा। धमकी देने वाला ने खुद को पीड़िता का चाचा बताया था और कहा था कि अगर शाम तक पोस्टमार्टम पूरा नहीं होगा तब खून की नदी बह जाएगी।
अधिकारी ने सवाल पूछा है कि आखिर यह व्यक्ति कौन था जो खुद को पीड़िता का चाचा बता रहा था, जबकि उसे कोई परिवार के अनुसार कोई उसका रिश्तेदार था ही नहीं। अजीब बात यह भी है कि पीड़िता के दाह संस्कार फार्म पर संजीब घोष का हस्ताक्षर है, पीड़िता का रिश्तेदार वहां पर नहीं थे. इस पर एक और भी हस्ताक्षर है जिसका नाम सोमनाथ दे है इसी नाम से पानीहटा नगर पालिका में एक पूर्व टीएमसी पार्षद है, क्या है वह वही व्यक्ति है ?