पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत विभिन्न ट्रेडों में मास्टर ट्रेनर को सम्मानित करने के लिए, माननीय शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना के तहत ‘विश्वकर्मा गुरुओं के सम्मान समारोह’ के दौरान 26 विशेषज्ञ कारीगरों और शिल्पकारों को सम्मानित किया जोकि आगे चलकर योजना के ब्रांड एंबेसडर के रूप में कार्य करेंगे और अपने संबंधित ट्रेडों में मास्टर ट्रेनर और ट्रेनर बनने के अवसर भी प्रदान करेंगे। माननीय प्रधानमंत्री ने 18 ट्रेडों में ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना शुरू की, जिसमें 28 सब-ट्रेड हैं (अनुलग्नक 1 का संदर्भ लें)। यह योजना कारीगरों और शिल्पकारों को शुरू से अंत तक सहायता प्रदान करने के लिए है। इस योजना का उद्देश्य कारीगरों और शिल्पकारों को क्रेडिट सहायता के साथ आधुनिक उपकरणों और तकनीकों से लैस करना है।
इस कार्यक्रम में एमएसडीई के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी, श्रीमती त्रिशालजीत सेठी, महानिदेशक, प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी); श्रीमती सोनल मिश्रा, संयुक्त सचिव, एमएसडीई; श्रीमती इशिता गांगुली त्रिपाठी, एडिशनल डेवलपमेन्ट कमिशनर, एमएसएमई; श्री वेद मणि तिवारी, सीईओ, एनएसडीसी; कर्नल महेंद्र सिंह पयाल, चीफ़ प्रोग्राम ऑफिसर, एनएसडीसी भी उपस्थित थे।
गुरु-शिष्य परंपरा को अपने अवतार में अधिक स्केलेबल, सुलभ और इनोवेटिव बनाने की दृष्टि से प्रेरित, कारीगरों को मास्टर प्रशिक्षकों में बदलने के लिए आधुनिक उपकरणों, डिजाइन एलीमेन्ट और नवीनतम तकनीकों में प्रशिक्षित किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक कौशल को संरक्षित करना, उद्यमशीलता प्रतिभा को आगे बढ़ाना, स्थानीय उत्पादों की मार्केटिंग करना और ऐसे जागरूकता कार्यक्रमों और सम्मान समारोह के माध्यम से सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ाना है। पीएम विश्वकर्मा गुरु उन लोगों के लिए बहुत सारे व्यक्तिगत अनुभव ला सकते हैं जो इस योजना से लाभान्वित हो सकते हैं।
इन विशेषज्ञों के ओरिएंटेशन को सुव्यवस्थित और तेज करके, मंत्रालय की परिकल्पना है कि गुरु पीएम विश्वकर्मा के अन्तर्गत अपने संबंधित ट्रेड के ब्रांड एंबेसडर बनेंगे और क्षेत्र स्तर पर योजना के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद करेंगे। इसके अलावा इन गुरुओं को मास्टर ट्रेनर के रूप में शामिल किया जा सकता है।आगे के विकास को बढ़ावा देने के लिए, भारत में स्ट्रक्चर्ड और ऑउटकम ड्रिवन ट्रेनिंग फ्रेमवर्क को आगे बढ़ाने के लिए निस्बड, आईटीआई, पीएमकेके, पीएमकेवीवाई, यूजीसी, सीआईपीईटी और अन्य सेन्टर जैसे कौशल प्रशिक्षण संस्थानों के साथ जुड़ने के लिए सहयोगात्मक प्रयास किए जाएंगे।